नोवी बायजोव। कुछ साल पहले तक ल्यूडविक डोलेजल एक आम इंसान की
तरह ही जिंदगी जी रहा था, उसके पास भी एक नौकरी थी, साथ वक्त बिताने वाले
कुछ दोस्त थे, लेकिन उसकी जिंदगी ऐसी नहीं रही। अब ल्यूडविक को यूरोप के
सबसे गंदे इंसान के तौर पर पहचाना जाता है। चेक गणराज्य के नोवी बायजोव में
स्थानीय लोग उन्हें ल्यूडविक या ल्यूडवा के नाम से जानते हैं, जो राख और
आग का शौकीन है। यही वजह है कि वो सोने के लिए भी गर्म राखों से बने बिस्तर
का इस्तेमाल करता है।
अपने आग के शौक को पूरा करने के लिए ल्यूडविक ने आपने पास मौजूद
तकरीबन सभी सामानों को जला दिया। चाहे वो उसका गद्दा हो या फिर रजाई,
ल्यूडविक ने सभी सामान में आग लगा दी, ताकि उसके बिस्तर के लिए पर्याप्त
मात्रा में राख इक्ट्ठी हो सके। ल्यूडविक का मानना है कि आग जिंदगी का एक
बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मानसिक परेशानियों से जूझ रहा ल्यूडविक पूरे दिन आग जलाकर रखता है।
शाम के वक्त 7.30 बजे के करीब वो आग में से राख निकालकर वीरान पड़े एक
पुराने फार्महाउस में अपना बिस्तर लगाता है। हालांकि, कड़कड़ाती ठंड में
लगातार आग जलाने की वजह से उसे ठंड नहीं लगती है। आमतौर उसे कोई गरम कपड़े
पहने भी नहीं देखता। वहीं पूरे शरीर पर तो वो काली राख लपेटे रहता है।
राहगीर उसे शैतान की तरह देखते हैं।
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