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28 अप्रैल 2014

उलटा पड़ा 'दामादश्री' का दांव, उठे सवाल- केस क्‍यों दर्ज नहीं करवाती राजे सरकार?





नई दिल्‍ली. सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर भाजपा ने एक बार फिर हमला किया है। भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस की चुप्‍पी पर सवाल खड़े किए और पूछा कि कांग्रेस आखिरकार आरोपों का जवाब क्‍यों नहीं दे रही है? पार्टी प्रवक्‍ता निर्मला सीतारमण ने कहा- 'कांग्रेस वाड्रा से जुड़े आरोपों पर चुप क्‍यों है? वाड्रा को कोर्ट से क्‍लीनचिट नहीं मिली है पर सोनिया और राहुल कुछ क्‍यों नहीं बोल रहे हैं?' सीतारमण ने इस दौरान आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का भी उदाहरण दिया। उन्‍होंने कहा कि जब चिंता की कोई बात नहीं है तो फिर इस मामले को सामने लाने वाले को क्‍यों प्रताड़‍ित किया गया।
 
उधर, वा्ड्रा पर भाजपा के हमले के बाद टि्वटर यूजर्स ने उल्‍टे पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्‍या 'दामादश्री' नाम की फिल्‍म जारी कर देने से भाजपा इस सवाल से बच सकती है कि राजस्‍थान में उसकी पार्टी की सरकार वाड्रा के जमीन सौदों की जांच कराने के लिए केस दर्ज क्‍यों नहीं करवा रही है? गौरतलब है कि वाड्रा ने कथित तौर पर राजस्‍थान में काफी जमीन खरीदी है। भाजपा ने रविवार को रॉबर्ट वाड्रा पर जो फिल्‍म जारी की है, उसमें भी इस बात का जिक्र है।
 
भजपा की इस फिल्‍म को यूट्यूब पर वैसा रिस्‍पॉन्‍स नहीं मिल रहा है। रविवार को जारी इस फिल्‍म को सोमवार 11 बजे तक यूट्यूब पर केवल 35 हजार लोगों ने देखा था। जबकि, यूट्यूब पर भारतीय जनता पार्टी के अकाउंट के 57593 सब्‍सक्राइबर्स हैं। इस लिहाज से वीडियो देखने वालों की संख्‍या को आकर्षक नहीं कहा जा सकता।
 
उधर, बीजेपी की फिल्‍म को लेकर ट्विटर पर यूजर्स रॉबर्ट वाड्रा पर भी निशाना साध रहे हैं।
यूजर्स का सवाल- आरटीआई से वाड्रा के बारे में जानकारी क्‍याें नहीं मिलती
 
वाड्रा को लेकर कई तरह के सवाल (वाड्रा पर भाजपा और प्रियंका आमने-सामने, क्लिक कर पढ़ें) खड़े किए हैं। वाड्रा के बिजनेस मॉडल पर निशाना साधने के साथ-साथ यूजर्स ने राहुल गांधी द्वारा अपनी रैलियों में बार-बार सूचना के अधिकार (आरटीआई) का जिक्र करने का मजाक बनाया है। वाड्रा को लेकर टि्वटर पर #DamaadGate ट्रेंड करने लगा है। यूजर्स का कहना है कि राहुल गांधी आरटीआई का हक देने की बात करते हैं, लेकिन वाड्रा मामले में वह चुप क्‍यों हैं? टि्वटर यूजर्स ने सवाल किया है कि आखिर क्‍यों प्रधानमंत्री कार्यालय ने सूचना के अधिकार कानून के तहत वाड्रा से जुड़ी जानकारियां देने से इनकार कर दिया? उधर, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि आखिर वाड्रा मामले पर केजरीवाल कुछ क्‍यों नहीं बोल रहे हैं?
 
गौरतलब है कि जब एक आरटीआई कार्यकर्ता ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ से जुड़े आरोपों पर कुछ जानकारियां मांगी थीं तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने सूचनाएं देने से इनकार कर दिया था। कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया था कि पीएमओ पूरी ताकत से वाड्रा का बचाव कर रहा है। नूतन के मुताबिक, पीएमओ ने अपने जवाब में कहा था कि यह सारी जानकारी गोपनीय है, इसलिए नहीं बताई जा सकती है। उन्‍होंने कहा था कि पीएमओ कोई भी सूचना नहीं देने के साथ ही इसे गैरकानूनी, कानून का दुरुपयोग और आरटीआई एक्ट का बेजा इस्तेमाल भी बता रहा है।

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