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10 अप्रैल 2014

मौत आई, पर मिसाल बन गए, पोलिंग बूथ से चंद कदम दूर बुजुर्ग ने दम तोड़ा



चंडीगढ़. 85 साल के गोविंद राम। उम्र के इस पड़ाव पर दिल अब साथ नहीं दे रहा था। एंजियोग्राफी हो चुकी थी, दवा चल रही थी। फिर भी फैसला लिया कि वोट डालना है। दोपहर डेढ़ बजे पत्नी बचनी देवी के साथ निकल भी पड़े अपना हक लेने के लिए, ड्यूटी पूरी करने के लिए। 400 मीटर पैदल चलकर पोलिंग स्टेशन तक पहुंच गए। लेकिन पोलिंग बूथ से पहले ही सीने में दर्द उठा, पत्नी को बताया। बीवी ने वहीं कुर्सी पर बिठा दिया। पीसीआर की जिप्सी गोविंद राम को जीएमएसएच-16 ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्रॉट डेड घोषित कर दिया। सेक्टर-41 में रहने वाले गोविंद राम पीयू से बतौर प्रिंटिंग ऑपरेटर रिटायर हुए थे। बेटा हरीश वेस्टर्न कमांड में सीनियर अकाउंटेंट है। हरीश ने बताया- दिल की नाजुक हालत के बाद भी पापा का फैसला गलत नहीं था। वह तो अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए इस उम्र में भी जागरूक थे। मां को घर का मोबाइल नंबर याद नहीं था। हॉस्पिटल के बीट बॉक्स में तैनात पुलिसवालों ने मां को बिना कुछ बताए, जिप्सी से घर भेज दिया।
भास्कर सलाम करता है 85 साल के गोविंद राम को। एंजियोग्राफी के बावजूद वह वोट डालने निकले थे। पोलिंग बूथ से कुछ ही कदमों पर उनकी मौत हुई। वोट डालने की जिम्मेदारी क्या होती है, गोविंद इसकी मिसाल हैं।
॥ मामले में कुछ भी संदिग्ध नहीं लग रहा है, फिर भी शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। जिसके बाद बनती कार्रवाई की जाएगी। गोविंद राम वोट नहीं डाल सके।

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