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31 मार्च 2014

जिंदा छिपकलियां और गिरगिट आराम से डकार जाता है यह गुजराती युवक




पाटडी (गुजरात)। छिपकली का नाम सुनते ही हमारे शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। अगर गलती से सोते समय ये दीवार पर हलचल करती दिख जाएं तो व्यक्ति को यही डर सताता रहता है कि कहीं ये ऊपर न टपक जाए। क्योंकि छिपकली से डर की सबसे मुख्य वजह है, उसका जहर। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि गुजरात के एक आदिवासी युवक के लिए छिपकलियां और गिरगिट उसका मनपसंद व्यंजन हैं। 
 
अहमदाबाद से लगभग 90 किमी दूर सरेंद्रनगर जिले के पाटडी गांव में रहने वाला 30 वर्षीय मुकेश ठाकोर अब तक सैकड़ों छिपकलियां और गिरगिट डकार चुका है और वह भी जिंदा ही। इसी वजह से वह अब पूरे गुजरात में प्रसिद्ध हो चुका है। मुकेश के लिए ये खतरनाक और जहरीले जीव उसका मनपसंद व्यंजन बन चुके हैं और उसे अक्सर इनकी तलाश करते हुए देखा जा सकता है।

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