गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में पेश जस्टिस मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर दूसरी सुनवाई करते हुए मंगलवार को कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके इस्तीफे के बिना मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर वे इस्तीफा नहीं देते है तो कोर्ट को आदेश देना पड़ेगा। कोर्ट ने श्रीनिवासन का इस्तीफा दिए जाने तक बीसीसीआई के वकील की दलील सुनने तक से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने श्रीनिवासन को दो दिन में पद छोड़ने के लिए कहा
जस्टिस मुकुल मुद्गल की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने यह बात कही। रिपोर्ट में गुरुनाथ मयप्पन को दोषी बताया गया है और बोर्ड के वकील इस पर अपना पक्ष रखेंगे। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मुकुल मुद्गल ने सुप्रीम कोर्ट को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग से जुड़ी अपनी रिपोर्ट 10 फरवरी को सौंपी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई प्रमुख एम. श्रीनिवासन को दो दिन के भीतर अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा है। मामले से जुड़े एक वकील (तस्वीर में) ने मीडिया को बताया कि जज ने काफी तल्ख टिप्पणी की। जज ने कहा कि आप बाहर की गंदगी साफ करना चाहते हैं, जबकि आपके अंदर ही गंदगी भरी पड़ी है। बिना इसे साफ किए बाहर की गंदगी कैसे साफ होगी?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या रही प्रतिक्रिया
श्रीनिवासन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ प्रतिक्रियाएं इस प्रकार सामने आई हैं-
'यह बीसीसीआई का आंतरिक मामला है और इस बारे में आईसीसी कोई टिप्पणी नहीं करेगी।'
- आईसीसी
'सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। आईपीएल जारी रहना चाहिए।'
- निरंजन शाह, पूर्व सचिव, बीसीसीआई
'बीसीसीआई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना चाहिए।'
- शिवलाल यादव, उपाध्यक्ष, बीसीसीआई
आईपीएल के पूर्व चेयरमैन राजीव शुक्ला से जब सुप्रीम कोर्ट की
टिप्पणी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया
नहीं दी।
मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में क्या कहा गया
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष श्रीनिवासन का दामाद गुरुनाथ मयप्पन
आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी करता था। टीम की गुप्त जानकारी सटोरियों को
देता था। ये खुलासा हुआ है मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में। सुप्रीम कोर्ट के
निर्देश पर बनी कमेटी ने रिपोर्ट में गुरुनाथ के अलावा राजस्थान रॉयल्स के
मालिक राज कुंद्रा की भूमिका की भी दोबारा जांच की सिफारिश की गई है।
मयप्पन और कुंद्रा को क्रिकेट बोर्ड ने अपनी जांच में क्लीन चिट दी थी।
26 मई, 2013 को बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने कहा था- मयप्पन
चेन्नई टीम के अधिकारी नहीं हैं। वे महज क्रिकेट प्रेमी हैं। मैच में इसी
हैसियत से टीम के साथ होते हैं।
10 फरवरी, 2014 को जस्टिस मुद्गल के जरिए आया जांच का सच- जांच में कई
सबूत मिले हैं। मयप्पन टीम के साथ बतौर अधिकारी रहते थे। वे टीम का मुख्य
चेहरा थे। उन्हें क्रिकेट प्रेमी बताना गलत है।
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