आपका-अख्तर खान

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04 मई 2013

गए लम्‍हों की बारि‍श में डूब गई

गए लम्‍हों की बारि‍श में डूब गई
अरमानों की छोटी-छोटी कि‍श्‍ति‍यां
कच्‍ची उमर की धूप में पकी ख्‍वाब़ें
गुम हुई आवाजों का पता मांगती है

......रश्‍मि शर्मा

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