आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 मई 2013

पिता को वैष्णो देवी छोड़ आया बेटा और गांव में करवा दी शोकसभा



मौत की झूठी कहानी : पत्नी और बेटा वैष्णोदेवी छोड़ आए, गांव में बता दिया मौत हो गई, शोक पत्रिका भी छपवा दी

करावन (झालावाड़). मुझे वैष्णो देवी के दर्शन कराने की बात कहकर ले गए थे, लेकिन पता नहीं मेरी पत्नी और बेटे के मन में क्या खोट आया। वे मुझे सीढिय़ों पर बैठाकर दर्शन करने चले गए। मैं दो दिन तक सीढिय़ों पर बैठा रहा, लेकिन कोई नहीं आया। स्थानीय लोगों की मदद से यहां पहुंचा तो पता लगा कि पत्नी और बेटे ने मुझे मृत बताकर बारहवें और पगड़ी रस्म की तैयारी कर रखी थी। यह कहानी है बिस्तुनिया ग्राम पंचायत के ठिगनी गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग प्यारेलाल की।

उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले उनकी पत्नी सुंदर बाई, बेटा शिवलाल, बेटे की सास गागलियाखेड़ी निवासी काली देवी और साली दर्शन कराने के लिए वैष्णो देवी ले गए थे। उन्हें यह कहकर नीचे ही सीढिय़ों पर बैठा दिया गया था कि आपकी उम्र ज्यादा है, ऊपर चढऩे में परेशानी होगी। प्यारेलाल वहीं रुक गए। दो दिन बीत गए, लेकिन न पत्नी-बेटा लौटे, न ही अन्य रिश्तेदार। आखिर वहां के लोगों से मदद मांगी। उन्होंने खाना खिलाकर ट्रेन में बैठाया। इसके बाद जैसे-तैसे अपने घर पहुंच पाया।

बेटे ने ग्रामीणों से कहा -दर्शन करने के बाद थम गई थीं सांसें

बुजुर्ग के बेटे शिवलाल और उसकी मां से जब ग्रामीणों ने पूछा कि कि प्यारेलाल कहां रह गए? तो उन्होंने कहा-वैष्णोदेवी के दर्शन करने के बाद जब वे नीचे उतर रहे थे तो उनकी सांसें रुक गईं। पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार करा दिया। इनकी बातों पर प्यारेलाल के दामाद राधुलाल को शक हुआ तो उन्होंने पूछा-उनकी अस्थियां कहां हैं? बेटे शिवलाल ने कहा-दाह संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन से हुआ था, अस्थियां कैसे मिलती?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...