गीत का जन्म
अकुलित हो रहा गर्भ मे कोई गीत है,
अंग करते हैं किलोल गर्भ मे कोई गीत है|
मन प्रफुल्लित हो रहा गर्भ मे कोई गीत है,
प्रसव का हो गया समय गर्भ मे कोई गीत है|
वेदना प्रसव की मुख पर है छाई हुई,
मन हिलोरें ले रहा जन्मता कोई गीत है.|
नौ माह कोख मे माँ ने बालक को रखा,
नौ पल मैंने भी अपने गीत को मन मे रखा|
वेदना व् सुख का अनुभव हर पल मैंने किया,
गीत मेरा जन्म ले ले प्रार्थना मैंने किया|
सलोना हो रूप उसका जैसे बाल कृष्ण का,
कल्पना मे रूप उसका यही मैंने धारण किया|
वेदना व सुख के मिले जुले अहसास से ,
प्रसव मेरे गीत का कुशलता से हो गया|
सुंदर था रूप उसका,सलोनी सी काया,
मित्र,बंधू,बांधवों का,प्यार उसने पाया|
गीता का सन्देश 'कर्म',सारे जहाँ मे फैलाया,
जन्म हुआ सार्थक उसका,मन मेरा इठलाया|
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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