नई दिल्ली। लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में कैंप लगाए बैठी चीनी सेना यहां से पीछे हट गई है। चीनी सेना भारतीय सीमा में 19 किमी तक घुस आई
थी। सूत्रों के मुताबिक रविवार देर शाम तक चली एक उच्च स्तरीय बैठक में
दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि वे एक साथ इस जगह से पीछे
हटेंगे। रविवार देर शाम साढ़े सात बजे इस फैसले को अंजाम दे दिया गया।
दोनों सेनाएं अपनी पुरानी जगह पर तैनात रहने को तैयार हो गई हैं। इससे पहले
फ्लैग लेवल की तीन बैठकों के बाद भी इस मामले का कोई हल नहीं निकाला जा
सका था। लेकिन भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के अपने चीन दौरे को टालने के संकेत देने के बाद यह फैसला आया है। माना जा रहा है दोनों देशों के संबंध खराब होने के चलते चीन पीछे हटने को तैयैार हो गया है।
वहीं चीनी सैना को पीछे धकेलने में नाकाम रहा भारत अब चीन के उत्पादों
से निपटने के मूड में नजर आ रहा है। विश्व व्यापार संगठन के नियमों की वजह
से चीन के उत्पादों को भारतीय बाजार में आने से तो नहीं रोका जा सकता
लेकिन चीन के प्रतिकूल रवैये के मद्देनजर भारत ने उसे व्यापारिक मामले में
घेरने की पहल शुरू कर दी है। भारत ने पिछले दिनों पहले चरण में 29
इलेक्ट्रिक उत्पादों के लिए मानक घोषित करके अनिवार्य टेस्टिंग शुरू कर दी
थी और अब सरकार ने टेलीकॉम सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संवेदनशील
उपकरणों के मामले में यह अनिवार्य कर दिया है कि उनकी कम से कम 30 प्रतिशत
न्यूनतम खरीदारी भारतीय उत्पादकों से हो। इसके साथ ही चीन के बने मोबाइल से
निपटने के लिए एमटीएनएल के कार्यालय परिसर में देश का पहला मोबाइल
टेस्टिंग लैब भी शुरू कर दिया गया है।
असल में दूरसंचार एक ऐसा क्षेत्र है जहां स्विच गियर के मामले में
विदेशी कंपनियों का वर्चस्व है। अगर चीन की बात करें तो यूरोपीय कंपनियों
के मुकाबले उसके उत्पाद सस्ते हैं। यहां की जेडटीई और हुवई जैसी कंपनियों
के उत्पादों पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वे उपकरणों के माध्यम से
खुफियागीरी की चेष्टा करते हैं। अमेरिका में भी इन कंपनियों के कामकाज को
लेकर ऐसी शंका रही है। ऐसे में सरकार ने संवेदनशील उपकरणों के मामले में
अनिवार्य टेस्टिंग की शर्त शुरू कर दी है। अभी औचक रूप से कोई एक उपकरण
चुनकर उसका निरीक्षण-परीक्षण होता है और उस लॉट के सभी उपकरण को क्लीयरिंग
दे दी जाती है। लेकिन अब एक लॉट के सभी उपकरणों की टेस्टिंग अनिवार्य करने
पर विचार चल रहा है। इससे सबसे अधिक सशंकित हुवई और जेडटीई ही हैं।
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