जयपुर.हाईकोर्ट ने आईएएस नीरज के. पवन के खिलाफ हत्या का
मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। 2005 में भरतपुर में अतिक्रमण हटाने के
दौरान बुजुर्ग महिला केसर देवी की मौत हो गई थी। याचिका में आरोप है कि
तत्कालीन एसडीओ पवन व अन्य अधिकारियों के धक्का देने से महिला की मौत हुई
थी।
हाईकोर्ट ने संबंधित मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में
दायर परिवाद को सीआरपीसी की धारा 156 (3) में थाने को मामला दर्ज करने के
लिए भेजें।
साथ ही कहा कि मामला 2005 का है, इसलिए मजिस्ट्रेट पुलिस की जांच पर
निगरानी रखें ताकि बिना देरी निर्णय हो सके। यह आदेश रामदेई की याचिका को
स्वीकार कर दिया। पवन पर धारा 302/34 में केस दर्ज होगा।
याचिका में भरतपुर के एसीजेएम (2) कोर्ट के एक अगस्त, 2006 के आदेश को
चुनौती दी, जिसमें तत्कालीन उपखंड अधिकारी नीरज के पवन व राजबहादुर
मेमोरियल अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी केके अग्रवाल व अन्य के खिलाफ
दायर हत्या के मामले में दायर परिवाद को खारिज कर दिया था।
एसीजेएम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कहा कि उसका
बेटा राजू मथुरा गेट के पास राजबहादुर अस्पताल में सोहनलाल की कैंटीन पर
काम करता था। 7 दिसंबर, 2005 को सोहनलाल बाहर गया था तभी तत्कालीन उपखंड
अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी केके अग्रवाल व लेखाधिकारी कमलेश कुमार
वहां पर आए और सामान को फेंकना शुरू किया।
उन्होंने रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने व जेसीबी मंगा ली।
इसी दौरान उसकी मां केसर देवी को धक्का देकर गिरा दिया। उन्हें अस्पताल
लेकर गए, लेकिन डॉक्टर अग्रवाल ने भर्ती नहीं होने दिया। बाद में स्ट्रेचर
पर ले जाते समय केसर देवी की मौत हो गई।
'कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया था। मृतका को धक्का देना तो दूर, मैंने उसे उस दिन देखा तक नहीं।'
-नीरज के. पवन
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