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02 अप्रैल 2013

प्रियंका बनेंगी सोनिया की वारिस? राजनीतिक जिम्मेदारी मिली



नई दिल्ली.  बुधवार से क्रिकेट का तमाशा शुरू होने वाला है और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर तीसरे विश्‍व युद्ध का खतरा बन रहा है, लेकिन क्या कांग्रेस में सोनिया गांधी के बाद पार्टी की कमान किसे सौंपी जाए, इसे लेकर कोई मंथन चल रहा है? क्या सोनिया गांधी चुनावी राजनीति से संन्यास लेंगी? क्या प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के सवाल को 'अप्रासंगिक' और सत्ता को 'जहर' बताने वाले राहुल गांधी की जगह कुछ कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी में उनका विकल्प तलाश रहे हैं? ऐसे तमाम सवाल मंगलवार को उत्तर प्रदेश खासकर रायबरेली में कई लोगों की जुबान पर था। (
 
दरअसल, रायबरेली से लोकसभा में सांसद और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को अपनी बेटी प्रियंका गांधी को नई जिम्मेदारी सौंप दी। इसके तहत प्रियंका गांधी ने रायबरेली की जिला निगरानी समिति के सदस्य की जिम्मेदारी संभाले ली। रायबरेली की सांसद होने के नाते सोनिया इस समिति की अध्यक्ष हैं। इसके अलावा प्रियंका मंगलवार से रायबरेली संसदीय क्षेत्र के तहत लोगों के घर-घर जाकर उनसे उनकी समस्याएं भी पूछ रही हैं। प्रियंका इससे पहले भी सोनिया गांधी की तरफ से चुनाव प्रबंधन और प्रचार का काम कई बार कर चुकी हैं।  (
 
इन बातों से उन अटकलों को एक बार फिर हवा मिली है कि 2014 में सोनिया की जगह प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं। सूत्रों की मानें तो सोनिया की भी यही इच्छा है। अपनी खराब सेहत की वजह से सोनिया चुनावी राजनीति से धीरे-धीरे दूरी बनाना चाह रही हैं। वह पार्टी में अपनी भूमिका एक 'सुपरवाइज़र' के रूप में रखना चाहती हैं।
 
 
गौरतलब है कि राहुल गांधी   को सक्रिय राजनीति में उतरे 9 साल हो चुके हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन इन सभी राज्यों में उसे हार का का सामना करना पड़ा। कुछ राज्यों में जरूर कांग्रेस को जीत मिली है। लेकिन यूपी और बिहार जैसे राज्यों में कांग्रेस को उबारने में नाकाम रहे राहुल गांधी को लेकर कई कांग्रेसियों को लगता है कि अगर उनकी जगह प्रियंका गांधी को आगे लाया जाए तो बात बन सकती है। कई कांग्रेसियों को प्रियंका में इंदिरा गांधी का अक्स औऱ सोनिया गांधी की स्वाभाविक उत्तराधिकारी भी दिखती है। ऐसे में कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर किसी उथलपुथल से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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