जयपुर.दुष्कर्म मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी
जताते हुए हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता से
काम नहीं हो रहा।
गैंग रेप के कई आरोपी खुले घूम रहे हैं। ऐसी व्यवस्था के चलते ही
दुष्कर्म पीड़िता बैंडिट क्वीन बनती है। कोर्ट ने कहा-पुलिस समझे कि अबला
अपने तन के साथ दुर्गति के मामले में न्याय मांगती है, लेकिन पुलिस किसी को
गिरफ्तार नहीं करती। न्यायाधीश आरएस चौहान ने यह मौखिक टिप्पणी सीकर में
2011 में हुए सामूहिक दुष्कर्म केस में पीड़िता के पिता की याचिका पर
सुनवाई के दौरान की।
राजस्थान की रेपिस्तान वाली छवि तोड़नी चाहिए
कोर्ट ने कहा कि एएनएम भंवरी देवी केस के बाद राजस्थान को रेपिस्तान
कहा जाने लगा था। पुलिस को इसे रोकना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो
हाईकोर्ट न केवल आईओ के खिलाफ, बल्कि प्रदेश की पुलिस के खिलाफ आदेश पारित
करेगा।
गैंग रेप ज्वलंत समस्या, पुलिस आंखें न मूंदे
अदालत ने कहा कि गैंग रेप राष्ट्र की ज्वलंत समस्या है। इसे देखते हुए
पुलिस को सजग होना चाहिए लेकिन वह आंखें मूंदे बैठी है। न तो पुलिस
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करती है और न ही उन्हें गिरफ्तार करती है। यह
उनकी कार्यशैली पर धब्बा है।
दो सप्ताह में गिरफ्तार करें आरोपी
पीड़िता के पिता ने फरवरी 2011 में चार जनों के खिलाफ सामूहिक
दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं
किया। पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट में न्याय के लिए याचिका दायर की। इसके
बाद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। एक आरोपी अब भी गिरफ्तार नहीं हुआ है।
सीकर एसपी ने सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी के लिए समय मांगा, लेकिन अदालत ने
उन्हें दो सप्ताह में फरार आरोपी रामलाल को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
हाल ही कहा था-चाहिए 21वीं सदी की पुलिस
हाईकोर्ट ने मुकदमों में निष्पक्ष अनुसंधान नहीं होने पर 19 मार्च को
कहा था कि 12वीं सदी की पुलिस के भरोसे नहीं रहा जा सकता, बल्कि 21वीं सदी
के लिए आधुनिक पुलिस चाहिए। हाईकोर्ट ने डीजीपी सहित करीब 40 अफसरों को तलब
किया था। हालांकि, उस समय डीजीपी हरिश्चंद्र मीना ने कहा था कि देशभर में
राजस्थान की पुलिस बेहतर प्र्दशन कर रही है। सुधार के लिए भी प्रयासरत हैं।
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