मिलाकर बेईमानी ईमानदारी को
आओ हम अनोखा ये संघ बनायें
मुमकिन कहाँ भ्रष्टाचार से लड़ना
अब उसको जीवन का अंग बनायें
सत्ता के वस्ल की रात के ख़ातिर
भ्रष्टाचार की ऐसी ---पलंग बनायें
जिस पर सो सो कर देश के नेता
वोटर मूक बघिर व अपंग बनायें
खुलापन देख नारी के मच्छर बोले
वाह प्रभु इतने कोमल अंग बनायें
मिलाकर बेईमानी ईमानदारी को
आओ हम अनोखा ये संघ बनायें
मुमकिन कहाँ भ्रष्टाचार से लड़ना
अब उसको जीवन का अंग बनायें
सत्ता के वस्ल की रात के ख़ातिर
भ्रष्टाचार की ऐसी ---पलंग बनायें
जिस पर सो सो कर देश के नेता
वोटर मूक बघिर व अपंग बनायें
खुलापन देख नारी के मच्छर बोले
वाह प्रभु इतने कोमल अंग बनायें
आओ हम अनोखा ये संघ बनायें
मुमकिन कहाँ भ्रष्टाचार से लड़ना
अब उसको जीवन का अंग बनायें
सत्ता के वस्ल की रात के ख़ातिर
भ्रष्टाचार की ऐसी ---पलंग बनायें
जिस पर सो सो कर देश के नेता
वोटर मूक बघिर व अपंग बनायें
खुलापन देख नारी के मच्छर बोले
वाह प्रभु इतने कोमल अंग बनायें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)