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करीब तीस साल पहले दहशत का पर्याय बने इनामी डाकू छविराम का बेटा अजय पाल
सिंह अब दरोगा बन गया है। ट्रेनिंग खत्म होने पर उसे मेरठ में तैनाती भी
मिल गई है। इससे अजय की मां धन देवी खुश हैं। कभी उसके पिता पर एक लाख
रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित किया था।
धन देवी के तीन बेटे हैं-श्याम सिंह, सर्वेश कुमार और अजय पाल सिंह। विषम
परिस्थितियों में उन्होंने अपने मायके ग्राम नगला जिला कन्नौज में बच्चों
की पढ़ाई-लिखाई कराई। दो बड़े बेटे खेतीबाड़ी करते हैं, छोटे बेटे अजय ने
आगरा जीआरपी में तैनाती के दौरान 2011 में विभागीय परीक्षा पास की। मेरठ के
ट्रेनिंग कॉलेज में शुक्रवार को हुई पासिंग आउट परेड के बाद धन देवी की
खुशी देखने लायक ली, आखिर उसका बेटा अब दरोगा जो बन गया था।
धन
देवी का कहना है कि पुरानी बातों से कोई फायदा नहीं। अजय के पिता छविराम का
नाम सुनकर अच्छे-अच्छे थर्रा जाते थे। उसकी कहानी 1980 के आसपास की है।
छविराम गैंग का करीब बीस जिलों में आतंक था। तीन मार्च,1982 को तत्कालीन
एसएसपी कर्मवीर सिंह ने डाकू छविराम तथा उसके गिरोह के 13 डकैतों को मार
गिराया था। उस समय अजय की उम्र महज पांच साल थी।
एडीजी पीटीएस,
एके जैन ने कहा कि छविराम का बेटा ने दरोगा की ट्रेनिंग पूरी कर ली है।
मुझे उम्मीद है कि अपने कर्तव्य से वह कभी विचलित नहीं होगा। जैन वही पुलिस
अफसर हैं, जिन्होंने कभी डाकू छविराम के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया था।
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