परिणामस्वरूप गांव में तनाव बढ़ गया। हालांकि बस्ती के बाहर पुलिस डेरा डाले हुए थी। बावजूद इसके डर व दहशत के साए के चलते पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में दलित परिवार अपने घरों से वाहनों में सामान लादकर गांव से पलायन कर रहे थे। इस बीच दोपहर बाद पुलिस ने मामले में वांछित लोगों की धरपकड़ का कार्य शुरू कर दिया।
मामले की भनक लगने पर उक्त समुदाय के लोगों में रोष पनप गया। जिसका प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में विरोध जताया गया। एक बार माहौल फिर तनावपूर्ण हो गया लेकिन नियंत्रण कर लिया गया। गांव में शांति बहाली के लिए गांव को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)