इंदौर/उज्जैन। भारत के लगभग सभी हिस्सों में दशहरे पर बुराई के
प्रतीक रावण का दहन करने की परंपरा है, लेकिन हमारे ही देश में एक गांव ऐसा
भी है, जहां दशानन का दहन नहीं पूजन किया जाता है। लोक मान्यता है कि
लंकेश का पूजन नहीं करने पर सबकुछ जलकर भस्म हो जाएगा। और दो बार ऐसा हो भी
चुका है।चैत्र नवरात्र की दशमी पर इस गांव में रावण का मेला भी लगता है।
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