जयपुर. राजस्थान पर खजुराहो की छाया है? लेकिन जो लोग राजस्थान
को गहराई से नहीं जानते हैं। शायद वे इस सवाल का जवाब ना दे पाएं। लेकिन
खजुराहो की छाया राजस्थान में भी नजर आती हैं।
धोरों के गढ़ बाड़मेर में किराड़ू का मंदिर और जगत (उदयपुर) का अंबिका मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिर।किराड़ू को राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है, जबकि जगत लघु खजुराहो के रूप में जाना जाता है।
दक्षिण भारतीय शैली में बना किराड़ू का मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। बाड़मेर से 43 किलोमीटर दूर हात्मा गांव में ये मंदिर है। खंडहरनुमा जर्जर से दिखते पांच मंदिरों की श्रृंखला की कलात्मक बनावट देखने वालों को मोहित कर लेती हैं।
धोरों के गढ़ बाड़मेर में किराड़ू का मंदिर और जगत (उदयपुर) का अंबिका मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिर।किराड़ू को राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है, जबकि जगत लघु खजुराहो के रूप में जाना जाता है।
दक्षिण भारतीय शैली में बना किराड़ू का मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। बाड़मेर से 43 किलोमीटर दूर हात्मा गांव में ये मंदिर है। खंडहरनुमा जर्जर से दिखते पांच मंदिरों की श्रृंखला की कलात्मक बनावट देखने वालों को मोहित कर लेती हैं।
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