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03 फ़रवरी 2013

इंसान नहीं सुन रहे इस 'भगवान' की, अब 'भगवान' को भगवान का ही सहारा

इंसान नहीं सुन रहे इस 'भगवान' की, अब 'भगवान' को भगवान का ही सहारा


 

 
उदयपुर. अनाथ हूं पर जिंदगी में कभी नहीं लगा था कि मैं अकेला हूं। आज बुढ़ापे में मेरे हार्ट का वाल्व खराब हो गया, तो लगता है कि काश मेरा भी कोई परिवार होता। यह कहना है 69 साल के भगवत दास उर्फ भगवान दास का, जो ऑपरेशन तो दूर, अपनी बीमारी की जांच का खर्च भी नहीं उठा सकते। इनका पूरा जीवन नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में गुजरा।  पथराई आंखों और हांफती सांसों के साथ उन्होंने अपनी बेबसी बयां की। वे फिलहाल जनरल हॉस्पिटल परिसर स्थित रामेश्वर लाल सहारिया धर्मशाला में रह रहे हैं। पैदल ही भास्कर दफ्तर पहुंचे भगवत दास ने सूजी पिंडलियां सहलाते हुए दुख साझा किया। उन्होंने बताया कि डॉक्टर ऑपरेशन के लिए डेढ़ लाख रुपए मांग रहे हैं। किसी ने बताया कि सरकार गरीबों का मुफ्त ऑपरेशन करवाती है। उसी आदमी ने एक अर्जी कलेक्टर साहब के नाम लिख दी। साहब ने आदेश भी जल्दी आगे बढ़ा दिए। अब हफ्ते भर से कलेक्टर साहब का ऑर्डर लेकर एक से दूसरे दफ्तर के चक्कर काट रहा हूं। फिर वे कलेक्टर का मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजा वो आदेश दिखाते हैं, जिसमें उनके नाम मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष से सहायता जारी करने का आदेश हुआ।
 
भगवत दास ने कार्डियोलॉजी विभाग से दिया गया खाली फॉर्म भी दिखाया। बोले, अब मुझे एक और कागज देकर कहा है कि फॉर्म भर दो। दो-तीन महीनों में 60 हजार रुपए मिल जाएंगे। मेरे पास अब दो-तीन महीने नहीं बचे हैं और बाकी के 90 हजार का क्या होगा पता नहीं। भावुक होते हुए भगवत दास कहते हैं कि अब वे टूट चुके हैं, लेकिन उम्मीद है कि कोई न कोई उनके ऑपरेशन का खर्च जरूर देगा। भगवत दास के इलाज को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.एन. बैरवा का कहना था कि वे आदेश जारी कर चुके हैं। आगे की कार्रवाई कार्डियोलॉजी विभाग के क्षेत्राधिकार में है।
 
ऑपरेशन तो जयपुर में ही होगा
कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एस.के. कौशिक ने कहा कि हम फॉर्म दे चुके हैं। विभाग में हार्ट के वाल्व के ऑपरेशन की सुविधा नहीं है। कागजी औपचारिकताओं और मंजूरी के बाद मरीज को जयपुर ही जाना पड़ेगा।

1 टिप्पणी:

  1. जब इतना हुआ है तो आगे भी कोई ना कोई रास्ता जरूर निकलेगा ईश्वर अपने भक्तों की सहायता कब और कैसे करते हैं पता भी नहीं चलने देते बस उन पर अटूट विश्वास बनाये रखें।

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