मेरे दोस्तों ..मेरी बहनों ..मेरे भाइयों ..मेरे बुजुर्गों ..मेरे दुश्मनों
...में शर्मिंदा हूँ ..हताश हूँ ..निराश हूँ ..परेशान हूँ और इसीलियें में
आप सभी लोगों को नये साल की मुबारकबाद देने में असमर्थ हूँ रोज़ नया दिन
होता है नई सुबह होती है नई सोच होती है अंगेजी का यह नया साल भी हर साल
आता है लेकिन जिस तरह से इस गुज़रे साल ने बेहयाई बेशर्मी दिखाई है में खुद
शर्मिंदा हो गया हूँ इस साल ने जाते जाते तो बेशर्मी और बेहयाई की हदें पार
कर दी ..एक हादसा ..हादसा नहीं अपराध ..निहत्थी निर्दोष बालिका का दिल्ली
की चलती सड़क पर एक बस में बेरहमी से बलात्कार और फिर उसकी हत्या का प्रयास
....सदमा इतना के गम्भीर चोटों से घायल इस बेटी ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया
पक्ष और विपक्ष ने अपने अपने तरीके से इस घटना पर राजनीति की लेकिन एक वर्ग
इस सदमे से भरी घटना के खिलाफ उठ खडा हुआ और ऐसी खतरनाक घटनाए दुबारा ना
हो और जो ऐसी घटनाओं के आरोपी है उन्हें कठोर सज़ा मिले इस मांग पर इन
लोगों ने अंगडाई ली है ..........एक दामिनी और कई सवाल आखिर हमारे देश के
दिल दिल्ली में सुरक्षा का क्या इतिजाम है क्यूँ सरे राह लडकियों की इज्ज़त
लुटी जा रही हैं ....क्या हमारे देश के चिकित्सक नाकारा और निकम्मे है क्या
हमारे देश के अस्पताल केवल दिखावा करने वाले है जहां दामिनी की जान नहीं
बचाई जा सकी और उसकी लाश को केवल दिखावे के लियें देश से बाहर सिंगापुर
भेजी गयी ..क्या हमारे देश का कानून पंगु है ...क्या हमारे देश में किसी भी
घटना पर प्रदर्शन करने का अधिकार नहीं जो लाठिया बरसाई जाती है जनता को
पेरो टेल रोंदा जाता है ..क्या हमारे देश में एक भी ऐसा नेता नहीं जो
राजनीति से अलग हट कर इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देता ...क्या हमारे देश
में हार्ट अटक से मरने वाले पुलिस कर्मी की हत्या के आरोप में निर्दोषों
को पकड़ने का रिवाज है ..क्या हमारे देश में पुलिस जवान इतने तनाव में है के
डियूटी वक्त पर ही उनका दिल का दोरा पढने से निधन हो जाता है .....क्या
हमारे देश में संसद ..विधानसभा और निर्वाचन कानून की इतनी मर्यादा भी नहीं
के वोह बलात्कार के आरोपियों को सांसद ....विधायक ...पार्षद ..पंच ..सरपंच
से बर्खास्त कर सके ....आखिर हमारे देश में ऐसी कोनसी मजबूरी है जो हमे
बलात्कार के लियें सख्त कानून बनाने के लिए बलात्कारी सांसदों और विधायकों
के आगे घुटने देखना पढ़ रहे है .....जिस देश की सरकार की संचालिका जिस दश के
सबसे अड़े राजनितिक दल की अध्यक्ष महिला हो ..जिस देश के दिल दिल्ली की
मुख्यमत्री महिला हो ..जिस देश में विपक्ष की नेता महिला हो ..जिस देश की
पूर्व राष्ट्रपति महिला हो ..जिस देश में लोकसभा की नेता महिला हो और ममता
हो चाहे माया हो चाहे जयललिता हो सभी महिलाएं हो वहां उस देश में महिलाओं
को बेबस कर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कानून की मांग को लेकर भीड़
को गिडगिडाना पढ़े बड़े शर्म की बात है .........जिस देश की सुप्रीम कोर्ट कई
सालों पहले महिला अत्याचार के लियें अलग से अदालते खोलने के निर्देश दे
चुकी हो जिस देश की सुप्रीम कोर्ट महिला कोर्टों में महिला मामलों की
त्वरित और निष्पक्ष सुनवाई के लियें महिला जजों की नियुक्ति करने महिला लोक
अभियोजक की नियुकित के निर्देश दे चुकी हो उस देश में सुप्रीम कोर्ट के
आदेश के बाद भी महिला अत्याचार की प्रथक से पूरी अदालतें ना हो ..महिला लोक
अभियोजक नियुक्त ना हो ....बजट में नई अदालतों की घोषणा ना हो ...और जो
अदालते है उन अदालतों में सेशन कानून यानि एक ही सिटिंग में दिन प्रतिदिन
सुनवाई कर आरोपी के खिलाफ मामला निर्णित करने का खुला कानून हो वहा इस
सेशन ट्रायल कानून की पालना अदालतों में ना हो पाए खुद जज मुकदमों की
अधिकता के कारन इस कानून की पालना करने में असमर्थ हो ..जहाँ महिलाओं के
खिलाफ सुनवाई में कमरा ट्रायल बंद कमरे में ना हो पाए ...जहा बलात्कार की
शिकार महिला का अख़बार में नाम छापने पर सजा का प्रावधान हो वहा मिडिया और
अख़बार पीडिता को सिर्फ खबर परोसने का साधन मात्र बनाये .......इस देश में
बलात्कार की पीडिता की शिकायत तक थानों में दर्ज ना हो पति है अधिकतम
महिलाओं को अदालतों के माध्यम से इस तरह के मुकदमे दर्ज कराना पढ़ते
हो ..दर्ज मुकदमों के अनुसन्धान ठीक तरह से ना हो अनुसन्धान पुरुष
अधिकरियों द्वारा किये जाए यहाँ तक के बलात्कार की पीडिता के साथ मेडिकल
जांच के वक्त भी पुरुष व्यक्ति द्वारा जनच कर उसे प्रताड़ित किया
जाए दोस्तों आप खुद बताइए इन सवालों का जवाब अगर न मिल पाए तो फिर में केसे
नव वर्ष शुभ कहूँ क्योंकि पहले भी गुज़रे साल के आने के पहले भी मेने और
आपने एक दुसरे से नव वर्ष शुभ कहा था लेकिन हालत सामने है इसलियें दोस्तों
खुद से दिल ही दिल में दुआ करता हु के मेरे इस देश के लियें अने वाला
अंग्रेजी साला शुभ हो ..साडी मुसीबतें ..संकट दूर करने वाला हो ...खुश हाली
वाला हो तरक्की वाला हो ..इंसाफ दिलवाने वाला हो अत्याचारियों को मटियामेट
करने वाला हो भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने वाला हो ...सियासत के स्थान पर
देश सेवा का जज्बा पैदा करने वाला हो ..लेकिन बस ना जाने क्यूँ में हेप्पी
न्यू ईयर नया साल मुबारक हो का जूमला कहने से पहले ही दर रहा हूँ शरीर में
सिहरन सी दोड़ने लगी है ....................अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 दिसंबर 2012
भगवान शिव ने इसी जगह हराया था काल को और फिर..
बलात्कार हुआ तो मौके पर एसएचओ से लेकर एसपी तक को जाना होगा
गहलोत ने कहा कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस 2 जनवरी को शपथ लेंगे। सबसे पहले उनसे फास्ट ट्रैक अदालत को लेकर ही आग्रह किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में दुष्कर्म की घटना होने पर वहां जांच के लिए मौके पर एसएचओ को जाना होगा। गंभीरता के आधार पर एएसपी और एसपी भी जाएंगे। ये अधिकारी जयपुर तक रिपोर्ट करेंगे। कहा कि एडीजी रैंक के अधिकारी को मॉनिटरिंग के लिए बोल दिया है।
गहलोत साइंस सेंटर के लोकार्पण समारोह के बाद शनिवार दोपहर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। कांग्रेस के स्थापना दिवस पर हुई संकल्प रैली पूरी तरह सफल रही। भाजपा के फ्लॉप शो बताने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यकर्ताओं में इतना उत्साह था कि उनकी गाड़ी निकलना ही मुश्किल हो गई थी। इससे बड़ा दृश्य क्या होगा, जो माहौल देखने को मिला, अति उत्साह में थे। रैली बेहद कामयाब रही। कांग्रेस की रैली में केंद्रीय नेताओं के नहीं आने के सवाल में कहा कि कोई असंतुष्ट नहीं है। जिसकी मजबूरी होती है वो नहीं आने के बारे में प्रदेश अध्यक्ष को सूचित कर देता है।
पौष मास कल से, इस खास नाम से करें भगवान सूर्य की उपासना
सूर्य सौर मंडल का आधार है। हमारे धर्मग्रंथों में भी सूर्य को प्रधान देवता माना गया है। पुराणों में आए उल्लेख के अनुसार प्रत्येक माह में सूर्य के एक विशिष्ट रूप की पूजा की जाती है जिससे हर मनोकामना पूरी होती है। धर्मग्रंथों के अनुसार पौष मास में भग नामक सूर्य की उपासना करनी चाहिए। इस बार पौष मास का प्रारंभ 29 दिसंबर, शनिवार से हो रहा है जो 27 जनवरी, रविवार तक रहेगा।
ऐसी मान्यता है कि पौष मास में भगवान भास्कर ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं। इनका वर्ण रक्त के समान है। शास्त्रों में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य को ही भग कहा गया है और इनसे युक्त को ही भगवान माना गया है। यही कारण है कि पौष मास का भग नामक सूर्य साक्षात परब्रह्म का ही स्वरूप माना गया है। पौष मास में सूर्य को अर्ध्य देने तथा उसके निमित्त व्रत करने का भी विशेष महत्व धर्मशास्त्रों में उल्लेखित है।
आदित्य पुराण के अनुसार पौष माह के हर रविवार को तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए तथा विष्णवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। रविवार को व्रत रखकर सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है।
दिल्ली गैंगरेप: लड़की की लाश को ले जाया गया था सिंगापुर?
नई दिल्ली. 16 दिसंबर की रात चलती बस में गैंगरेप और जानलेवा हमले की शिकार हुई लड़की की जान नहीं बचाई जा
सकती, यह आशंका पहले से ही थी। 23 साल की इस लड़की की मौत की वजह सेरिब्रल
ऐडेमा की वजह से हुई। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसका इलाज
करने वाले डॉक्टर का कहना था कि उसे जो अंदरूनी चोट आई थी, वह जानलेवा थी
और उसे बचाया नहीं जा सकता था।
इसके बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या लड़की को सिंगापुर भेजा
जाना महज दिखावा था या फिर दिल्ली में लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए
उठाया गया एक कदम था? लेखिका शोभा डे ने साफ कहा है कि लड़की को सिंगापुर
ले जाना महज दिखावा था। बसपा नेता मायावती ने सवाल उठाया है कि उसे
सिंगापुर ले जाने में देर क्यों की गई? भाजपा सांसद मेनका गांधी ने तो साफ
शब्दों में शक जताया है कि लड़की की मौत दिल्ली में ही हो गई थी। इस
बीच, केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि लड़की को
डॉक्टरों की सलाह पर सिंगापुर ले जाया गया था।
लड़की जब सफदरजंग अस्पताल में भर्ती थी, तभी उसे दिल का दौरा पड़ा था
और यही उसके दिमाग में सूजन (सेरिब्रल ऐडेमा) की वजह बना। सिंगापुर के
अस्पताल में पहुंचते ही उसका सीटी स्कैन किया गया था। इसमें पता चला था
कि महज तीन मिनट के वक्त में उसके मस्तिष्क में खून का काफी रिसाव हुआ
था। उस दौरान सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर उसकी पल्स और ब्लड प्रेशर माप
पाने में नाकाम रहे थे। इसी स्थिति के कारण उसे ब्रेन ऐडेमा हुआ। यह एक
गंभीर स्थिति होती है। जब दिमाग में पानी की मात्रा बढ जाती है तो इस वजह
से सिर में दबाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में रक्तवाहिकाएं (ब्लड वैसल)
सिकुड जाती हैं और दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। सेरेब्रल या ब्रेन
ऐडेमा में दिमाग की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या मर भी जाती हैं।
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