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29 दिसंबर 2012

भगवान शिव ने इसी जगह हराया था काल को और फिर..


भगवान शिव ने इसी जगह हराया था काल को और फिर..
भोपाल। समुद्रमंथन से निकले 14 रत्नों में से एक महाविष हलाहल भी था, जिससे पृथ्वी पर संपूर्ण मानवता के लिए खतरा पैदा हो गया। देवता और असुर इस हलाहल की विभीषिका से मानव जाति को बचाने के लिए भगवान शिव की शरण में पहुंचे तो भोलेनाथ उनके आग्रह पर इसे टाल नहीं सके और उन्होंने इसे पी लिया। लेकिन उन्हें इस विष के प्रभाव से बचने और काल को जीतने के लिए बुंदेलखंड की एक पहाड़ी पर आना पड़ा।

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