नई दिल्ली. 16 दिसंबर की रात चलती बस में गैंगरेप और जानलेवा हमले की शिकार हुई लड़की की जान नहीं बचाई जा
सकती, यह आशंका पहले से ही थी। 23 साल की इस लड़की की मौत की वजह सेरिब्रल
ऐडेमा की वजह से हुई। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसका इलाज
करने वाले डॉक्टर का कहना था कि उसे जो अंदरूनी चोट आई थी, वह जानलेवा थी
और उसे बचाया नहीं जा सकता था।
इसके बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या लड़की को सिंगापुर भेजा
जाना महज दिखावा था या फिर दिल्ली में लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए
उठाया गया एक कदम था? लेखिका शोभा डे ने साफ कहा है कि लड़की को सिंगापुर
ले जाना महज दिखावा था। बसपा नेता मायावती ने सवाल उठाया है कि उसे
सिंगापुर ले जाने में देर क्यों की गई? भाजपा सांसद मेनका गांधी ने तो साफ
शब्दों में शक जताया है कि लड़की की मौत दिल्ली में ही हो गई थी। इस
बीच, केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि लड़की को
डॉक्टरों की सलाह पर सिंगापुर ले जाया गया था।
लड़की जब सफदरजंग अस्पताल में भर्ती थी, तभी उसे दिल का दौरा पड़ा था
और यही उसके दिमाग में सूजन (सेरिब्रल ऐडेमा) की वजह बना। सिंगापुर के
अस्पताल में पहुंचते ही उसका सीटी स्कैन किया गया था। इसमें पता चला था
कि महज तीन मिनट के वक्त में उसके मस्तिष्क में खून का काफी रिसाव हुआ
था। उस दौरान सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर उसकी पल्स और ब्लड प्रेशर माप
पाने में नाकाम रहे थे। इसी स्थिति के कारण उसे ब्रेन ऐडेमा हुआ। यह एक
गंभीर स्थिति होती है। जब दिमाग में पानी की मात्रा बढ जाती है तो इस वजह
से सिर में दबाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में रक्तवाहिकाएं (ब्लड वैसल)
सिकुड जाती हैं और दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। सेरेब्रल या ब्रेन
ऐडेमा में दिमाग की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या मर भी जाती हैं।
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