भारत में मुगलों के आगमन के बाद वैसे तो बहुत से ऐसे परिवर्तन हुए जिन्हें आज भी मुगलकालीन सभ्यता और संस्कृति की पहचान के तौर पर लगभग पूरे उत्तर भारत में देखा जा सकता है.
लेकिन, इन सब के बीच है एक ऐसी चीज जो न सिर्फ बेहद ख़ास है बल्कि, यह अपनी तरह की एशिया की अनोखी और दुर्लभ वास्तु है. इस नायाब रचना को न तो इससे पहले कोई बना पाया और न ही बाद में कोई इसके करीब पहुंच सका.
जी हां, आज हम आपको मुग़ल कालीन ऐसे ही एक नायाब और बेशकीमती सिंहासन से रूबरू करा रहे हैं जिसे दुनिया में अपनी तरह का इकलौता सिंहासन होने का गौरव प्राप्त है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)