आपने देखा होगा कि अक्सर छोटी-छोटी बातों को भूलने की हमारी आदत हमारी कामों की जरूरत और प्लानिंग पर असर डालती है। किसी भी बात को रिकॉल न कर सकना। हमारे लिए महत्वपूर्ण न लगने वाली छोटी-छोटी घटनाओं जैसे दरवाजे को बंद करना भूल जाना, किसी से मिलना याद न रहना कि तरह ही भोजन में क्या लेना और न लेना याद न रखना जैसी स्थिति पैदा करते हैं।
आयुर्वेद में इसे "प्रज्ञाअपराध" की श्रेणी में माना गया है, जो रोगों की उत्पत्ति का कारण है। इन्ही तथ्यों की प्रमाणिकता का आकलन एबरडीन विश्वविद्यालय में किए गए शोध से भी सिद्ध हो रहा है। इस शोध में यह पाया गया कि जिन लोगों क़ी याददाश्त अच्छी नहीं होती है, अक्सर वे अपनी इस आदत के कारण भोजन में फलों और सब्जियों का कम सेवन तथा शक्करयुक्त स्नेक्स का अधिक सेवन कर लेते हैं।
इस शोध में यह पाया गया कि जिन लोगों क़ी याददाश्त अच्छी होती है, वे अपने भोजन में पथ्य-अपथ्य अर्थात लेने, न लेने योग्य पदार्थों का अच्छा खयाल रख पाते हैं। इस शोध के परिणाम ब्रिटिश साइंस फेस्टिवल में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। अतः अच्छी याददाश्त के लिए आयुर्वेद में वर्णित मेध्य औषधियों जैसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी, ज्योतिष्मती आदि का सेवन करें और छोटी-छोटी बातों को भूलना भूलकर अपने स्वास्थ्य को मेंटेन रखें।
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