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16 सितंबर 2012

अंधविश्वासी पिता ही बन गया बेटी के लिए काल



 

कस्बाथाना (बारां). समीपवर्ती धनकरी गांव में एक व्यक्ति ने अपने ही तीन वर्षीय पुत्र की गंडासे से हत्या कर दी। आरोपी इस घटना को अंजाम देने के पीछे बालक पर किसी आत्मा का असर होने की बात कह रहा है। शनिवार शाम गंडासे से बेटे का सिर, हाथ और पांव काट देने के बाद भी अगले दिन शाम तक क्षत-विक्षत शव घर में ही पड़ा रहा और परिवार के सदस्य आम दिनचर्या में लगे रहे।

रविवार शाम को किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी, तो डीएसपी छोटूलाल मीणा व थानाप्रभारी हरदयाल स्वामी मौके पर पहुंचे और आरोपी पिता को हिरासत में लेकर बालक का शव बरामद किया। थानाप्रभारी स्वामी ने बताया कि कस्बे से छह किमी दूर ओगाड़ गांव से सटे धनकरी गांव में भील समाज के लोगों के घर-टापरियां बनी हुई हैं।
आरोपी रतनलाल का मानना है कि उसके तीन वर्षीय बेटे अखलेश पर किसी आत्मा की छाया पड़ती थी। परिजनों के अनुसार भी अखलेश परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की बात कहता था। घर के सदस्य आए दिन बीमार भी रहते थे। इससे तंग आकर ही उसने शनिवार रात करीब एक बजे गंडासे से अखलेश की गर्दन, हाथ, पैर व पेट पर चार वार किए। इससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
घटना के बाद उसका बुरी तरह शत-विक्षिप्त शव घर में ही पड़ा रहा। इसके बावजूद परिजनों ने कोई शोक नहीं मनाते हुए सामान्य दिनचर्या जारी रखी। आसपास के लोगों को भी इस वारदात का पता रविवार सुबह तक नहीं चला। बाद में शाम को किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने रात को शव को बरामद कर आरोपी पिता को हिरासत में लिया।
ग्रामीणों में है अलग अंधविश्वास पुलिस व ग्रामीणों के अनुसार आरोपी रतनलाल के दो पत्नियां समसू व गजा हैं, जिनके चार लड़के व तीन लड़कियां हैं। इनमें अखलेश की मां समसू है। मृतक के चाचा मांगीलाल ने बताया कि पूरा परिवार संयुक्त रूप से रहता है। वहीं ग्रामीणों का मानना है कि रतनलाल ने कुछ समय पहले पास में ही हनुमान मंदिर में मूर्ति स्थापित करवाई थी, लेकिन उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करवाए बिना ही वह वहां पूजा-अर्चना करता आ रहा था।
इससे इस परिवार को कष्ट उठाने पड़ रहे थे। वहीं मृतक के घर में देवता (आत्मा) का स्थान बनाया हुआ है। थाना प्रभारी स्वामी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। परिवार के अन्य सदस्यों के भी बयान लेकर ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है।

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