कहते हैं अंग्रेजों के समय इस टेकरी को सिद्ध टेकरी मानकर छोड़ दिया गया था। यहां अक्सर आने वाले अजय जैन बताते हैं कि पत्थर से इस तरह की आवाज निकलना गांव वालों के साथ ही यहां आने वालों के लिए आश्चर्य का विषय है। इसी के चलते यह पहाड़ी सिद्ध टेकरी के तौर पर जानी जाने लगी है।
लोगों ने तो यहां पहाड़ी पर छोटे पत्थरों से घर बनाकर मन्नतें मांगना तक शुरू कर दिया है। मालवा में इस तरह के पत्थर नहीं पाए लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इस तरह के पत्थर बहुत मिलते हैं। यह वीडियो आपतक पहुंचाने के लिए हमारे रिपोर्टर अविनाश रावत खुद उस स्थान पर गए और वीडियो बनाया।
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