इससे पहले खैबर-पख्तूनख्वा के ऊपरी डीर जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान चलीं गोलियों का शिकार बने एक शख्स की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने प्रेस क्लब और एक पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया।
दूसरी तरफ, पैगंबर और इस्लाम का अपमान करने वाली विवादित फिल्म के खिलाफ कई देशों में सोमवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान के अलावा भारत के भी कई शहरों में लोग सड़क पर उतरे।
मोहम्मद पैगंबर और इस्लाम के खिलाफ अमेरिकी फिल्म के विरोध में सोमवार को भी देश के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन जारी है। श्रीनगर से लेकर चेन्नई तक विरोध जताया जा रहा है। 55 वर्षीय नकौला बैसले नकौलाउर्फ सैम बेसाइल ने फिल्म का निर्माण किया है। दुनिया के तमाम देशों में भी विरोधजारी है।
कश्मीर के अलगाववादी समूह मुस्लिम खवातिन मरकज ने श्रीनगर में आज जमकर फिल्म और अमेरिका विरोध नारे लगाए। इसके बाद पुलिस ने समूह के सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने हालात को देखते हुए पहले से ही इंतजाम कर लिए थे। इसमें नेताओं को नजरबंद किया गया। इसके अलावा कश्मीर के कई जिलों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं।
इससे पहले भी कश्मीर के कई स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन हुए हैं। कुछ कट्टरपंथी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक, मोहम्मद यासीन मलिक, शबीर शाह, मोहम्मद नयीम खान समेत करीब एक दर्जन नेताओं को घर में ही नजरबंद कर दिया गया ताकि कश्मीर के हालात और खराब ना हो।
इस मामले में ग्रैंड मुफ्ती बशीरूदीन ने एक फरमान जारी करते हुए कहा कि कश्मीर में जो भी अमेरिका के लोग हैं वह कश्मीर छोड़ कर चले जाएं नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इसके विरोध में कई लोगों ने खाना तक नहीं खाया है। अमेरिका की फिल्म के सोशल नेटवर्क साइट पर आने से यह विरोध का सिलसिला शुरू हुआ है।
दूसरी ओर , चेन्नई में वीजा सेंटर को अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। यहां भी फिल्म को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। जिसके बाद चेन्नई स्थित अमेरिकी दूतावास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसकी वेबसाइट पर जानकारी दी गई है कि सोमवार और मंगलवार को वीजा सेक्शन बंद रहेगा। जिन लोगों के पहले से अपॉइंटमेंट थे, उन्हें नई तारीख जल् दी बता दी जाएगा। अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए आपातकालीन सेवा को चालू रखा है। यहां तीन दिनों से लगातार हो रहे अमेरिकी विरोध के कारण यह फैसला लिया गया है।
वहीं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी हालात बेकाबू बने हुए हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिकी ऑर्मी के बस पर हजारों की तादाद में स्थानीय नागरिकों ने विरोध किया। यहां के जलालाबाद रोड पर कई कारों को आग के हवाले कर दिया गया। साथ में अमेरिकी सैनिकों को भी निशाना बनाया गया
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