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11 सितंबर 2012

डॉक्टर ने खिड़की से झांका तो सामने खड़े थे कलेक्टर साहब...



 

इंदौर। मंगलवार रात 10.15 बजे सायरन बजाती हुई गाड़ियां दनादन एमवाय अस्पताल में घुसीं। डॉक्टर और स्टाफ ने खिड़कियों से झांका तो कलेक्टर आकाश त्रिपाठी तमाम अफसरों को लेकर बिल्डिंग में दाखिल हो रहे थे। मेन गेट पर कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों से कहा कि हर फ्लोर पर एक-एक पहुंच जाइये। मैं नीचे (तल मंजिल) की व्यवस्था देखता हूं।
कलेक्टर वहां पहुंचे तो सीएमएचओ डॉ. सुनील नारंग नहीं मिले। ड्यूटी डॉक्टर मित्तल का भी पता नहीं था। ऐसे में डॉ. दीपक फंडसे ने मोर्चा संभाला। कलेक्टर ने पूछा अधीक्षक कहां हैं , तो डॉ. फंडसे बोले कि वो तो घर पर सो रहे हैं। कलेक्टर बोले- ठीक है.. आप ही मुझे यहां घुमाइए।
आज ही लेट आया हूं
कैजुअल्टी के प्रभारी डॉ. मित्तल कलेक्टर का दौरा शुरू होने के 15 मिनट बाद अस्पताल आए। आते ही कलेक्टर से बोले.. सर मैं केवल आज ही लेट हुआ हूं.. रोज जल्दी आ जाता हूं। मेरी गाड़ी अस्पताल के सामने ही खराब हो गई। ये मीडिया वालों से भी पूछ लो कि जल्दी आता हूं या नहीं। कलेक्टर दोनों हाथ पेंट की जेब में डाले उन्हें देखते रहे। आखिर में ठीक है बोलकर आगे बढ़ गए। भाटिया साहब कहां हो
जांच के चलते रात 11.20 बजे डॉ. फंडसे ने अधीक्षक डॉ. वीएस भाटिया को चुपचाप फोन लगाया। बोले, भाटिया साहब आप कहां हो? कलेक्टर आए हैं। भाटिया नाइट टी-शर्ट पहने दौड़ते-हांफते पहली मंजिल पर पहुंचे।
अरे, बाकी जगह बोलो
एक्स-रे, हड्डी रोग विभाग होते हुए कलेक्टर पहली मंजिल पर पहुंचे तो डॉ. मित्तल बाहर निकले। भीड़ में से उन्होंने स्टाफ को बोला अरे, तुम लोग बाकी जगह बोल दो। सब ठीक कर लें।
यह होगा अगला कदम
तलघर समेत सातों मंजिल की अव्यवस्था और कमियों की रिपोर्ट बनाई जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर बदलाव और सुधार कार्य किए जाएंगे।

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