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11 सितंबर 2012

एक 'स्टिंग' और रंगे हाथों गिरफ्तार हुए डॉक्टर साहब



 

जयपुर.शहर में जेकेलोन अस्पताल के पीछे महावर डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉ. रवि महावर को मंगलवार को भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
यहां ग्राहक भेजने वाले सांगानेर के क्योरवैल डायग्नोस्टिक सेंटर के तकनीशियन हरि कुमावत को भी पकड़ा गया है। जिला प्रशासन व पीसीपीएनडीटी सेल की टीम ने एसडीएम विभु कौशिक के नेतृत्व में यह कार्रवाई की। प्रशासन ने डायग्नोस्टिक सेंटर की सोनोग्राफी मशीन व रिकॉर्ड सील कर दिया है।
कलेक्टर नवीन महाजन ने मीडिया को बताया कि जिला प्रशासन को मुखबिर के जरिए कुछ दिन पहले महावर डायग्नोस्टिक सेंटर में लिंग परीक्षण किए जाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद से ही इस सेंटर पर लगातार नजर रखी जा रही थी।
सोशल एक्टिविस्ट राजन चौधरी से पता चला कि इस पूरे मामले में बिचौलिए के रूप में सांगानेर में क्योरवेल अस्पताल का हरि कुमावत भी शामिल हैं। वह डॉ. रवि के पास लिंग परीक्षण के इच्छुक लोगों को लेकर आता था। डॉ. महावर से उसका कमीशन बंधा हुआ था। इस मामले में साक्ष्य भी मिले थे। इसके बाद कार्रवाई की गई।
महाजन के अनुसार जांच में दो रजिस्टर मिले। इनमें एक फीटल चैकअप रजिस्टर में तो 21 मई से अब तक कोई एंट्री नहीं हुई। इसके अलावा डायग्नोस्टिक सेंटर में एक्टिव ट्रेकर भी नहीं लगा था। एक्ट के तहत राजस्थान मेडिकल काउंसिल से डायग्नोस्टिक रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन के लिए लिखा जाएगा। इसके साथ ही लिंग परीक्षण में दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि तत्काल ही कोर्ट में डॉक्टर रवि महावर व तकनीशियन हरि कुमावत के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा पेश किया जाएगा। महाजन ने बताया कि शहर में 300 डायग्नोस्टिक सेंटर पर एक्टिव ट्रैकर लगे हैं। इनके अलावा 180 पर एक्टिव ट्रैकर नहीं हैं। जिन डायग्नोस्टिक सेंटर पर एक्टिव ट्रैकर नहीं हैं उन्हें सितंबर तक एक्टिव ट्रैकर लगाने के निर्देश दिए हैं, अन्यथा उनको सील किया जाएगा।
ऐसे पकड़ में आए
सुबह 11.30 बजे एक गर्भवती महिला को एक युवती (जो कि नर्स थी ) के साथ में भेजा गया। एक सरकारी कर्मचारी को उसका पति बनाकर भेजा गया। ये लोग सांगानेर स्थित क्योरवेल सेंटर पर हरि कुमावत के पास पहुंचे और लिंग परीक्षण करवाने के लिए कहा।

इसके एवज में हरि कुमावत ने 6000 रुपए मांगे, जो उसे दिए गए। फिर हरि कुमावत ने ऑटो बुलाया (ये ऑटो पहले भी रैकी में सामने आ चुका था)। वहां से महावर डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहुंचे। यहां उसे धर्मसिंह सर्किल पर रोका। फिर बिना पर्ची और एंट्री किए बिना सोनोग्राफी की गई।
इसी बीच एसडीएम ने एक पटवारी को सोनोग्राफी के लिए वहां भेजा, जिसकी बाकायदा पर्ची काटी गई और फार्म भरा गया। सोनोग्राफी करने से पहले कुमावत ने एएनएम को 2000 रुपए दिए। जांच के बाद गर्भ में लड़का होना बताया। दोपहर 3 बजे तक चले घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने छापा मारकर राशि बरामद कर ली।

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