आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 सितंबर 2012

सोने की किताब: कभी ब्रिटिश हुकूमत की थी शान, अब दीमक कर रहे निवास



 

नई दिल्ली। करीब डेढ़ सौ साल पुरानी हरदयाल लाइब्रेरी के शेल्फ में वर्षो से सोने जड़ी ऐसी अनमोल किताबें भगवान भरोसे हैं जो कभी ब्रिटिश हुकूमत की शान हुआ करती थीं।
इन किताबों की खासियत यह है कि इन किताबों की उम्र बढ़ाने के लिए हर पन्ने को सोने की परतों से मढ़ा गया है। ऐसी किताबें विश्व साहित्य में अतिदुर्लभ हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन किताबों को ऑनलाइन कर दिया जाए तो इनसे करोड़ों की आमदनी मुमकिन है।  
यदि इनकी नीलामी की जाए तो भी किताबों के कद्रदान इसके लिए करोड़ों की बोली लगा सकते हैं। हालांकि लाइब्रेरी इसके पक्ष में नहीं है। फिलहाल भारत में ऐसी इक्की-दुक्की किताबें हैदराबाद के सोनारगंज संग्रहालय, कोलकाता के राष्ट्रीय संग्रहालय और दिल्ली के नेशनल आर्काइव में मौजूद हैं। ऐसी करीब एक दर्जन किताबें इस लाइब्रेरी के रेफरेंस रूम में दीमक की चपेट में हैं।  
भगवान भरोसे हैं ये किताबें
राव ने बताया कि विदेशी लाइब्रेरियों में तो ऐसी किताबों के लिए बीमा की व्यवस्था होती है, लेकिन यहां किताबों को जीर्ण-शीर्ण हालत में छोड़ दिया गया है।
यदि इस लाइब्रेरी में आग लग गई तो इन किताबों को बचाने के लिए किसी तरह का अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है। हर महीने कीटनाशक ट्रीटमेंट कराना जरूरी होता है। लेकिन धन के अभाव में वर्षो से यह भी संभव नहीं हो पा रहा और किताबें दीमक की चपेट में हैं।
लाइब्रेरी के लिए इनकी सुरक्षा चुनौतीपूर्ण 
सोने की किताबों की सुरक्षा लाइब्रेरी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रबंधन को इनके गायब होने का डर हमेशा सताता रहता है। मुख्य लाइब्रेरियन मधुकर राव ने बताया कि सदियों पुरानी ऐसी किताबें अब अति विशिष्ट श्रेणी में गिनी जाती हैं जिनके रखरखाव के लिए धन की अत्यंत आवश्यकता है।  
यही नहीं इनके चोरी होने का डर भी हमेशा लगा रहता है। हालांकि लाइब्रेरी के स्टाफ इन किताबों पर विशेष नजर रखते है। उन्होंने जानकारी दी कि इन किताबों के पन्ने इतने नाजुक हो चुके हैं कि इन्हें एक विशेष तकनीक वाले लैमिनेशन से मजबूत करने की जरूरत है।
एक किताब के लैमिनेशन पर करीब दस से बीस हजार रुपए का खर्च आएगा। हरदयाल लाइब्रेरी में मौजूद सोने से मढी यह किताबें अब दीमक की चपेट में हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...