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02 सितंबर 2012

श्मशान से इंसान की हड्डियां और राख चोरी कराता था अमन बाबा!



 

अमृतसर। शहर में पिछले महीने हुए चर्चित रोजी हत्याकांड का आरोपी तांत्रिक विकास शर्मा उर्फ अमन बाबा श्मशान से इंसान की हड्डियों और चिता की राख चोरी करवाकर उनकी तस्करी भी कराता था। चौंकाने वाला यह खुलासा ग्रीन एवेन्यू में रहने वाली बलजिंदर कौर उर्फ रोजी की मां कुलबीर कौर ने किया है। उनका आरोप है कि रोजी अमन बाबा की काली करतूतों का राज जान गई थी, इसलिए उसने उनकी बेटी की हत्या कर दी। कुलबीर कौर का कहना है कि वह इस बारे में पुलिस को बता चुकी है। अमन के विभिन्न ठिकानों के बारे में भी पुलिस को बताया जा चुका है, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
कुलबीर कौर ने बताया कि अमन का साथी कुलदीप श्मशान के कर्मियों की मिलीभगत से देर रात या अल सुबह अधजली चिताओं में से हड्डियां निकाल लेते थे। वहीं राख तो किसी भी समय वहां से निकाल ली जाती। रोजी ने कुलबीर कौर को बताया था कि अमन को हादसों में मरने वालों व कुंवारों के शरीर की राख व हड्डियों की कीमत अधिक मिलती थी। कुंवारी लड़कियों की चुटकी भर राख की कीमत पांच हजार रुपए रहती थी। कुलबीर के मुताबिक रोजी ने उसे बताया था कि अमन इन हड्डियों व राख की सप्लाई पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल व उत्तराखंड के कई तांत्रिकों को करता था। इन्हीं तांत्रिकों से वह काले इलम करवाता था। अमन चार वर्ष से हड्डियों व राख की स्मगलिंग कर रहा था। रोजी ने अपनी मां को बताया था कि उसे पूरा यकीन है कि अमन सिर्फ चाटीविंड श्मशान से ही नहीं बल्कि पंजाब के कई गांवों के श्मशानों से राख व हड्डियों की सप्लाई करता है।
तांत्रिक क्रियाओं में होता है इस्तेमाल
अमन हड्डियों और राख का इस्तेमाल तांत्रिक क्रियाओं के लिए करते थे। इस इलम के लिए वह अपने ग्राहकों से दस से 50 हजार रुपए तक लेते थे।
21 अगस्त हो हुई हत्या
ग्रीन एवेन्यू निवासी बलविंदर उर्फ रोजी की 21 अगस्त को अमन ने अपने साथी प्रधान की मदद से गला घोट कर हत्या कर दी थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए अमन ने आधा दुपट्टा रोजी के गले और आधा पंखे से लटका दिया था। पुलिस ने अमन पर हत्या का केस दर्ज किया था।
पांच साल पहले हुई थी अमन बाबा से रोजी की दोस्ती
रोजी ने पांच साल पहले किसी चैनल में तांत्रिक अमन बाबा का विज्ञापन देखा। वह तब पारिवारिक कारणों से परेशान थी जिनके समाधान के लिए वह बाबा के क्रिस्टल चौक स्थित आफिस में उससे मिली। वहीं से शुरू हुई इनकी दोस्ती। रोजी से अमन बाबा ने उसका फोन नंबर लिया व उसकी परेशानी का समाधान करने का आश्वासन देते हुए उस मनोवैज्ञानिक ढंग से डील किया। इसके बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ती गई।
धोखाधड़ी का भी आरोप
अमन बाबा, यह वो शख्स है जो खुद को बड़ा तांत्रिक बताता है। थाना सिविल लाइन में उसके खिलाफ एक धोखाधड़ी और एक हत्या का केस भी दर्ज है। अमन के पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली और कोलकाता में भी आफिस बना रखे हैं। अमृतसर-जालंधर में उसके दो घर हैं।
हाई-फाई लाइफ स्टाइल
जानकारों का कहना है कि अमन जब भी उन्हें मिलता था, इसके पास हर बार अलग ही कार होती थी। कार का नंबर भी वीवीआईपी होता था। लोगों के मुताबिक उसकी किसी कार का नंबर 0002, 0001, 0007 था। इसके पास जो मोबाइल नंबर थे, वो भी सारे वीवीआईपी। किसी नंबर के अंदर में पांच जीरो तो किसी के अंत में 00007। कपड़ों की बात करें तो वह ब्रांडेड जींस, टी शर्ट डालता था।
नहीं मिलता मोक्ष!
दुग्र्याणा तीर्थ के राधा वल्लभ मंदिर के पुजारी हरगोबिंद के मुताबिक श्री गरुड़ पुराण के मुताबिक अंतिम संस्कार के बाद अगर किसी भी व्यक्ति की अस्थियां व राख पूर्ण रूप से गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में प्रवाहित नहीं की जाती तो उसे मोक्ष नहीं मिलता। मोक्ष के लिए उसकी पूरी अस्थियां जल प्रवाह होनी चाहिए।

रोजी की मां ने नहीं बताई यह बात
- सोहन लाल, जांच अधिकारी
सवाल : अमन बाबा और कुलदीप प्रधान की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पाई?
जवाब: अमन की गिरफ्तारी के लिए जालंधर स्थित उसके घर रेड की थी, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उसके जिस ठिकाने का पता लगता है, वहां रेड की जाती है। क्योंकि कुलदीप प्रधान के घर का किसी को पता नहीं है, इसलिए वह जहां काम करता था, वहां भी रेड की गई थी लेकिन वह भी वहां नहीं मिला।
सवाल : रोजी की मां का कहना है कि उसने आपको बताया था कि अमन हड्डियों व श्मशान से राख की तस्करी कर रहा है तो इस काले धंधे में उसके साथ कौन-कौन थे?
जवाब : मुझे रोजी की मां ने ऐसा कुछ नहीं बताया, लेकिन अगर ऐसा है तो वो तो उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा।
सवाल : उसके जहां दफ्तर थे, वहां रेड की गई क्या?
जवाब : हां, वहां रेड की गई है और उसे सील भी कर दिया गया है।
कमिश्नर को पता नहीं
॥ यह हैरानी वाली बात है कि यह सारा कारोबार चलाया जा रहा था। मामला गंभीर है और मैं इस मामले की जांच के लिए संबंधित अधिकारी को कहता हूं ताकि इस सारे मामले का खुलासा हो सके।
- राम सिंह, पुलिस कमिश्नर

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