नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने किराना में विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है। दिल्ली में आज हुई केंद्र सरकार की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में यूपीए की महत्वपूर्ण सहयोगी तृणमूल मौजूद नहीं थी।
केंद्र सरकार ने एयरलाइंस में 49 प्रतिशत और मल्टीब्रांड किराना स्टोर्स में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश और सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की मंजूरी दे दी है। डीटीएच और केबल नेटवर्क में केंद्र सरकार ने 74 फीसदी तक विदेशी निवेश की मंजूरी भी दी ह
गौरतलब है कि संसद के पिछले सत्र में विदेशी किराना का मुद्दा छाया रहा था और ममता बनर्जी के विरोध के चलते सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था।
रिटेल में एफडीआई को मंजूरी दिए जाने के फैसले का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'बड़े सुधारों का वक्त आ गया है, अगर हमें जाना भी पड़ा तो हम लड़ते हुए जाएंगे।' प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि एफडीआई से किसानों का फायदा होगा और नौकरियां भी बढ़ेंगी।
केंद्र सरकार के इस फैसला के तृणमूल कांग्रेस ने तीखा विरोध किया है। पार्टी के विरष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा कि हमारी पार्टी और ममता बनर्जी इस फैसले का पुरजोर विरोध करती हैं। कुणाल ने कहा कि हमारे पास संसद में इतनी संख्या नहीं है कि हम फैसलों को रोक सकें लेकिन हमें खुलकर इसका विरोध तो कर ही सकते हैं। कांग्रेस के पास संख्याबल है और यूपीए में उन्हीं की चलती है। कुणाल घोष ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ऐसी किसी भी पॉलिसी को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करेगी। यही नहीं कुणाल घोष ने यह भी कहा कि यदि एफडीआई को वापस नहीं लिया गया तो तृणमूल किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए तैयार हैं। तृणमूल की मंगलवार को बैठक है जिसमें इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा।
विदेशी निवेश को किस तरह लागू किया जाना है यह राज्य सरकारें तय करेंगी। आर्थिक सुधारों के नाम पर लिए गए केंद्र सरकार के इस फैसले की बीजेपी और सीपीआई ने तीखी आचोलना की है। विपक्ष ने कहा है कि यूपीए अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए गलत फैसले ले रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)