बीजिंग.चीन में मुस्लिमों की धार्मिक आज़ादी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिमों को रोज़ा रखने को लेकर परोक्ष रूप से मना किया गया है। चीन की सरकार का कहना है कि ऐसा स्वास्थ्य कारणों के चलते किया जा रहा है। लेकिन इस कदम के आलोचकों को कहना है कि मुस्लिमों को 'धर्म निरपेक्ष' बनाने की यह कोशिश महंगी पड़ सकती है।
चीन के पश्चिमी प्रांत जिनजियांग में कई शहरों, जिले और गांव की वेबसाइटों पर नोटिस जारी किया गया। इन नोटिसों में कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों, सरकारी कर्मचारियों, छात्रों और टीचरों से रोजा न रखने को कहा गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सरकारी प्रवक्ता के हवाले से कहा है, 'सरकार लोगों प्रोत्साहित कर रही है ताकि वे पढ़ाई और काम के लिए अच्छा भोजन करें। लेकिन रमजान के दौरान किसी को खाना खाने के लिए जबर्दस्ती नहीं की जा रही है।' गौरतलब है दुनिया भर में मुसलमान 30 दिनों के रमजान के महीने में सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 अगस्त 2012
मुसलमानों को रोजे नहीं रखने का 'फरमान'
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