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17 अगस्त 2012

आज से छप्पनभोग में गूंजेगी-मथुराधीश की जय



कोटा. प्रथम पीठाधीश्वर युवराजात्मन श्रीकृष्णास्य बाबा अपने पिता मिलन बाबा के साथ गुरुवार शाम 4.45 बजे दादाबाड़ी शास्त्रीनगर के सनातन मंदिर पहुंचे। इस दौरान स्वागत में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। माथे पर गुलाबी रंग की पगड़ी और पारंपरिक वेशभूषा में आराध्य की एक झलक पाकर प्रतीक्षा कर रहे श्रद्धालुओं की बांछें खिल गई। उन्होंने पुष्प वर्षा एवं ‘आज म्हारे उर हर्ष ना समायो प्रकटे वल्लभ राजकुमार.. के बोल से स्वागत किया। मोबाइल और कैमरे में उनकी तस्वीर कैद करने की होड़ लगी रही। मिलन बाबा ने हाथी पर सवार होकर मुस्कराते हुए अभिवादन किया।


श्रीकृष्णास्य बाबा के हाथी पर सवार होते ही शहनाइयों की गूंज के साथ गृहप्रवेश के लिए किशोरपुरा छप्पनभोग ‘प्रथमेश नगर’ के लिए शोभायात्रा रवाना हुई। शोभायात्रा के आगे घोड़ों पर श्रद्धालु धर्म-ध्वज लेकर सवार थे। ‘ गिरधर कृष्ण कन्हाई वल्लभ शरण तिहारी आए.. म्हारी मीठी-मीठी बांसुरी ने धारण कर लीजो, म्हा तो दर्शन करबा आया दर्शन दे दीजो.. श्रीनाथजी की जय, यमुनाजी की जय..’ सरीखे मधुर गीतों के बीच घेरा बनाकर महिला-पुरुषों ने चकरी नृत्य किया तो माहौल कृष्णमय हो गया। शोभायात्रा में गले में केसरिया उपरणा, सफेद अंगरखी और धोती-दुपट्टा पहने हुए युवाओं की टोलियां और पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं नृत्य करते हुए चल रही थीं। 51 महिलाओं ने सिर पर कलश धारण किए हुए थे। यात्रा में प्रथम ग्रह के आदि गृहाधीश्वर के साथ अन्य चित्रों की विशेष झांकी चल रही थी। यात्रा शास्त्री नगर, यूआईटी गेस्ट हाउस रोड, चंबल गार्डन रोड, शक्ति नगर होते हुए ‘प्रथमेश नगर’ पहुं
ची।

गौ-दान की, गृहप्रवेश विधि संपन्न

बड़े मथुराधीशजी मंदिर में पहुंचने के बाद सबसे पहले कृष्णास्य बाबा ने गौ माता का पूजन करने के बाद दो गौ माता का दान किया। इसके बाद पुरोहितजी ने श्रीलालमणी बाबा, श्रीमिलन बाबा और कृष्णास्य बाबा को ‘विधि की विशेष रीत’ करवाई। श्रीकृष्णास्य बाबा ने पारंपरिक तरीकों के साथ गृह प्रवेश किया। रात 9 बजे मथुराधीशजी के कुण्डवारे (मिट्टी के कुंडों यानी बर्तनों में रखी विशेष सामग्री के साथ) के दर्शन हुए। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, कांग्रेस शहर अध्यक्ष गोविंद शर्मा, कांग्रेस नेता अरुण भार्गव, पीसीसी सदस्य क्रांति तिवारी भी शामिल रहे। श्रीमिलन बाबा ने मंत्री धारीवाल को उपरणा ओढ़ाकर स्वागत किया।

पूरे शाही ठाठ-बाट से निकलेगी यात्रा

25 साल बाद शुक्रवार सुबह 7 बजे भगवान मथुराधीशजी पाटनपोल स्थित स्वगृह से 3 दिवसीय नगर भ्रमण को निकलेंगे। नगर भ्रमण के बाद वह तीन दिन तक किशोरपुरा छप्पनभोग यानी ‘प्रथमेश नगर’ में विराजमान रहेंगे। महाराज के निजी सचिव मथुरेश कटारा ने बताया कि यात्रा गढ़ पैलेस से पूरे शाही ठाठ-बाट से रवाना होगी, जो दशहरा मैदान, किशोरपुरा आशापाला मंदिर रोड होते हुए ‘प्रथमेश नगर’ पहुंचेगी। शाम 7 बजे ठाकुरजी के नाव का मनोरथ में विशेष दर्शन होंगे। इसके लिए परिसर में यमुना नदी का भावनात्मक प्रतिरूप बनाया गया है। शनिवार को छप्पनभोग एवं रविवार को फूलबंगला के दर्शन होंगे। वहीं, शुक्रवार सुबह ठाकुरजी के भक्तों को मंगला के दर्शन नहीं हो सकेंगे। इसके बाद ठाकुरजी के 17 से 19 अगस्त के बीच रोजाना होने वाले 7 दर्शन ना होकर विशेष दर्शन ही होंगे।

चरणचौकी की पदयात्रा 19 को


श्रीनाथजी के साक्षात चरणों के दर्शनों के निकाली जाने वाली पदयात्रा के पोस्टर का विमोचन महाप्रभुजी मंदिर के विनय बाबा ने गुरुवार को किया। देवालय सुधार समिति की ओर से 19 अगस्त को सुबह 6 बजे से चरणचौकी तक 15 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा निकलेगी। पदयात्रा टिपटा गढ़ से रवाना होगी, जो कैथूनीपोल, गुमानपुरा, चौपाटी बाजार, एरोड्रम सर्किल, कंसुआ रोड होती हुई चरणचौकी पहुंचेगी। इसके पहले भक्तगण पाटनपोल के महाप्रभुजी मंदिर के दर्शन करेंगे। यात्रा महाप्रभुजी के वंशज श्रीविनय बाबा के सानिध्य में निकाली जाएगी। संयोजक क्रांति तिवारी ने बताया कि इस कार्य के लिए 8 समितियों का गठन कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यात्रा का मुख्य आकर्षक श्रीकृष्ण की मनमोहक झांकी रहेगी। इस मौके पर समिति के दिनेश जोशी, अनिल तिवारी, राहुल मिश्रा, रमेश चंचलानी, अनिल खंडेलवाल, सुनील सहित कार्यकर्ता मौजूद थे।


तैयारियों में मशगूल था हर कोई..

गुरुवार छप्पनभोग परिसर की छटा ही निराली थी। रिमझिम फुहारों के बीच ठाकुरजी के सेवक सेवा में मशगूल थे। ठाकुरजी के सेवक हर पल एक ही बात दोहरा रहे थे अरे. यहां ठाकुरजी विराजने वाले हैं जरा ध्यान से.. इतनी देर क्यों लग रही है..। आयोजकों से पूछने पर वो बस एक ही बात बोलते कि ‘वल्लभ कुल की बलिहारी, जब देखो तब तैयारी..’ यानी जो कुछ कार्य है वो तो प्रभु इच्छा के अधीन है। हमारा काम तो हर पल तैयार रहना है। यहां आयोजन में भाग लेने को गुरुवार शाम तक देशभर से करीब 500 से 1000 कृष्णभक्तआ चुके थे।

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