आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

22 अगस्त 2012

कोंग्रेस के शासन में कोंग्रेस के नेता नईमुद्दीन गुड्डू थानाधिकारियों के खिलाफ शिकायत नहीं सुनने पर धरने पर बेठने को मजबूर

..दोस्तों राजस्थान सरकार में कोटा देहात पुलिस और कोंग्रेस के नईमुद्दीन गुड्डू में आरपार की लड़ाई ठन गयी है ..देहात पुलिस ने फरियादी द्वारा थानेदार पर दबाव डालकर रिपोर्ट दर्ज कराने का आरोप लगाने के बाद भी कोटा पुलिस प्रशासन ने थानेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है जबकि इस मामले को लेकर नईमुद्दीन गुड्डू अब आमरण अनशन पर बेठ गये है ...नईमुद्दीन गुड्डू का सीधा आरोप है के कोटा में मंडाना थानाधिकारी नीरज गुप्ता ने पहले तो कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोक्टर चन्द्रभान के मोके पर नहीं होते हुए भी कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने के लिए डोक्टर चन्द्रभान के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया और अब वोह कार्यकर्ताओं को परेशां कर रहे है अवेध खनन वालों से मिले है ...इसी तरह कथुन थानाधिकारी चुन चुन कर कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूंठे मुकदमे दर्ज कर रहे है और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है .नईमुद्दीन गुड्डू की यह राजनितिक लड़ाई एक अजीब मंज़र है राजस्थान में कोंग्रेस का शासन है नईमुद्दीन गुड्डू कोंग्रेस के प्रदेश कोंग्रेस कमेटी के सदस्य और जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य है उन्होंने इस मामले में सुबूतों के साथ शिकायत की लेकिन उनकी सुवाई नहीं होने पर उन्हें यह कदम उठाना पढ़ा है बात शिकायत या सत्ता गेर सत्ता की नहीं है लेकिन बात अगर पुलिस अधिनियम की करें तो फिर बात बहुत दूर तक जाती है । नेस्र्गिक न्याय का सिद्धांत है के अगर किसी थानाधिकारी के खिलाफ शिकायत होती है तो उसकी जाँच करवाई जाती है और जब जाँच होती है तो सबूतों से छेड़छाड़ न हो इसके लियें थानाधिकारी को लाइन में लगाया जाता है ताकि निष्पक्ष जाँच हो सके जांच सही होती है तो थानाधिकारी जी सस्पेंड और आरोप झूंठे होते है तो वापस थाने पर साथ ही शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्यवाही भी होती है .लेकिन यहाँ ना जाँच न कार्यवाही थानाधिकारी तो मोके पर डटे है जिस थानाधिकारी पर फरियादी ने डरा धमकाकर फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया है उस थानाधिकारी के खिलाफ उन्हें वहां से हटाए बगेर जाँच होगी तो कितनी निष्पक्ष होगी खुद समझ में आता है खेर कोटा में यह मामला न्य नहीं है देहात पुलिस ने जिस पुलिस कर्मी के खिलाफ शिकायत सुनने से इंकार किया है या उसे प्रोटेक्शन दिया है वोह बाद में रिश्वत लेते पकड़ा भी गया है यह इतिहास है ..पुलिस अधिकारीयों को जिद्दी नहीं बलके इंसाफ परस्त होना चाहिए जो सच है उसका साथ देना चाहिए गलत है तो दोषी को तुरंत पकड़ना चाहिए ....कोटा में सियासी तोर पर यह दुसरा मामला है कोंग्रेस के नेता कोंग्रेस के शासन में उनकी सुनवाई नहीं होने के आरोपों के साथ पुलिस के खिलाफ पुलिस के आला अधिकारी के दफ्तर के बाहर आमरण अनशन पर बेठे है ..इसके पहले भजपा के सांसद रघुवीर सिंह कोशल को भी एक सी आई को हटाने की मांग पर धरना देना पढ़ा था ..खेर इस मामले में सत्ता और संगठन को कोई नई निष्पक्ष पहल करना चाहिए आरोप प्रत्यारोप की राजनीति खत्म कर दो विपरीत धाराओं में बह रहे है एक ही दल के लोगों के हाथ मिलवाकर गिले शिकवे दूर करवाना चाहिए ताकि कोंग्रेस मजबूत हो और नोकरशाह जो मनमानी कर रहे है उन्हें सबक सिखाना चाहिए वरना कोंग्रेस की इमेज दिन बा दिन जो बिगड़ रही है उसे सम्भाल पाना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन हो जाएगा .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...