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22 अगस्त 2012

विपक्ष सुनारी लड़ाई का नाटक बंद करे और सरकार गिराने के लियें सामूहिक इस्तीफा देकर राष्ट्रधर्म निभाए वरना वोह भी चोर कहलायेगा

देश में सबसे बढ़ा कोयला घोटाला मामले में संसद में सुनवाई नहीं होने के आरोपों और प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर युपी ऐ के घटक दल शरद यादव फिर ओकात पर आ गये है वोह चाहते है के प्रधानमन्त्री का इस्तीफा नहीं मनगा जाये और संसद में चर्चा की जाए ...दोस्तों कोंग्रेस हो चाहे भाजपा हो देश में सभी रानीतिक पार्टियाँ जनता के साथ कुर्सी की सियासत कर रही है लेकिन इस बार जब सरकार की खुद जाँच एजेंसी सी ऐ जी ने प्रधानमन्त्री जेसी शख्सियत पर ऊँगली ही नहीं उठाई बलके सबूतों के साथ उन्हें देश का सबसे बढ़ा लापरवाह और देश को नुकसान पहुँचने वाला साबित किया है तो पार्टियाँ संसद में कार्यवाही की बात कर रही है संसद में तो चोर चोर मोसेरे भाई है एलान हो गया के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह इस्तीफा नहीं देंगे सभी नेतिकता की बात करने वाले प्रधानमन्त्री के साथ है और यु पी एक घटक दल शरद यादव तो दुम हिलाने लगे है ऐसे में अगर देश का कोई दल देश की कोई पार्टी देश को इमानदार नेतृत्व देना चाहता है तो वोह कुर्सी की क़ुरबानी दे वक्त आ गया है के सभी विपक्षी दल अपने हित त्यागे और इस मसले पर प्रधानमन्त्री को हटाने के लियें संसद से सामूहिक इस्तीफे राष्ट्रपति महोदय को दे और मध्यावधि चुनाव करवाएं .उनके इस रवये से देश और घोटालों से तो बचेगा ही सही और सत्ता में जनता को नये चेहरों को लाने का मोका मिल जायेगा जहाँ तक प्रधानमन्त्री जी की बात है उन्हें कोई फर्क नहीं पढ़ेगा क्योंकि वोह तो जीत कर आये ही नहीं वोह तो प्रसाद पद लेकर राज्यसभा सदस्य बने है वोह भी आसाम से जहाँ वोह कभी गए ही नहीं वोट डालने तक नहीं गए तो दोस्तों आप लोग जहाँ भी हो जिस दल में भी हो अपने नेताओं से कह दो के वोह इमादारी बेईमानी की यह लड़ाई सुनारी लड़ाई का नाटक बंद करे और अगर वोह सही में प्रधामंत्री को घोटालेबाज मानते है ..केंद्र की सरकार को नाकारा निकम्मी मानते है तो विपक्ष के नाम पर अपने निजी हित त्यागे और खुलकर विरोध करते हुए अगर प्रधानमन्त्री इस्तीफा नहीं देते है तो खुद विपक्ष सामूहिक इस्तीफा दे ताकि प्रधानमत्री को हटाना देश और देश की सरकार की मजबूरी हो जाएगा लेकिन क्या भाजपा और उसके घटक दल जो अन्दर से भ्रष्टाचारियों से मिले हुए है राष्ट्रहित में यह सब कर पाएंगे यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन अगर इस बार भी विपक्ष सामूहिक इस्तीफे नहीं देता है तो बात साफ़ है के यह सुनारी लड़ाई है और विपक्ष हर घोटाले में सरकार के साथ है बराबर के साथी है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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