नई दिल्ली। आज से ठीक एक दिन बाद, हम मनाने जा रहे हैं आजादी का वह जश्न जिसकी शुरुआत हुई थी 15 अगस्त 1947 को. सैकड़ों वर्ष की गुलामी के बाद इसी दिन भारत स्वतंत्र हुआ. यह एक नए देश के उदय का उत्सव था, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के तौर पर हर वर्ष याद करते हैं. तस्वीरों के माध्यम से पेश है, उस दिन की झलक जब पहली बार हमने आजादी के इस उत्सव को मनाया था...
देश के इस प्रथम उत्सव के दिन सुरक्षा के नाम पर किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं थी जबकि, अब पंद्रह अगस्त से पूर्व आतंकी हमलों की आशंकाओं को देखते हुए दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
दिल्ली मेट्रो के 135 स्टेशनों पर सीआईएसएफ के 550 अतिरिक्त कमांडो को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त सभी प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर क्विक रिएक्शन टीम, बम डिस्पोजल टीम, एंटी डाग स्क्वायड टीम को तैनात किया गया है।
ये सभी टीमें निश्चित समयावधि के अंतराल में सभी मेट्रो स्टेशन की सघन तलाशी ले रहीं हैं। मेट्रो की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को स्टेशन में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ ही सभी सामान की तलाशी लेने के लिए कहा गया है।
इसके अतिरिक्त लंबी ड्यूटी के चलते थक चुके सुरक्षाकर्मी किसी तरह की खामी न कर बैठे, इस आशंका के चलते हर घंटे सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी में परिवर्तन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मेट्रो की सुरक्षा सीआईएसएफ के करीब 5000 जवानों के जिम्मे है।
राजधानी की बिजली वितरण कंपनियों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बड़े पैमाने पर होने वाली पतंगबाजी में खास एहतियात बरतने की अपील की है।
गौरतलब है कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैटेलिक मांझा के बिजली लाइनों में फंस जाने पर कई दुर्घटनाएं हो गई थीं। वितरण कंपनियों ने अपील की है कि लोग मैटेलिक मांझे के प्रयोग से बचें वर्ना इलाकों में बिजली गुल होने के साथ ही जान भी जा सकती है।
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