चेन्नई। जिस शख्स की किडनी और लीवर केंद्रीय विज्ञान व तकनीकी मंत्री विलासराव देशमुख को ट्रांसप्लांट होने वाली थी, उसकी आज सुबह ही मौत हो गई।
चेन्नई के ही 31 वर्षीय स्कूल वैन चलाने वाले शख्स की किडनी और लीवर केंद्रीय मंत्री को लगाया जाना था। लेकिन इस शख्स को बचाया नहीं जा सकता। डॉक्टरों ने इसे ब्रेन डेड घोषित किया हुआ था। चेन्नई के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, वह कार्डिक अरेस्ट से जूझ रहा था।
इस शख्स का परिवार भी किडनी और लीवर डोनेट करने के लिए तैयार हो गया था लेकिन पुलिस को देखकर उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। सोमवार रात 9 बजे परिवार इसके लिए तैयार था लेकिन देर रात जब पुलिस अस्पताल पहुंची तो परिवार मुखर गया।
अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया, हम मरीज को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे थे लेकिन इसके लिए कुछ कर नहीं सकते थे। हर कदम बड़ी सावधानी से उठा रहे थे लेकिन मेडिको लीगल केस होने की वजह से प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग गया और मरीज को नहीं बचा पाए।
शनिवार को ड्राइवर को एंबुलेंस ने उस वक्त कुचल दिया था, जब वह बाइक से जा रहा था। इसके बाद उसे सरकारी अस्पताल लाया गया। शनिवार को ही ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने विलासराव देशमुख के केस को 'सुपर अल्ट्रा इमरजेंसी केस' घोषित कर दिया है।
दूसरी ओर, देशमुख की की हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। उनकी किडनी और लीवर फेल हो गए हैं। कुछ दिन पहले ही देशमुख की तबीयत अचानक कल बिगड़ गई थी। हालत खराब होने के कारण बीते सोमवार की शाम उन्हें अचानक एयर एंबुलेंस से मुंबई से चेन्नई ले जाया गया।
देशमुख करीब आठ साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और पिछले कई सालों से केंद्रीय मंत्रिमंडल में काम कर रहे हैं। 2008 में मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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