दोस्तों निर्मल बाबा का क्या कहना एक इंट भट्टे से निर्मल बाबा की उपाधि और करोड़ों करोड़ नहीं अरबों रूपये की कमाई ने देश में अंधविश्वास का एक नया रास्ता निकाल दिया है निर्मल बाबा के इस रवय्ये के खिलाफ के काले पर्स खरीदों उसमे दस रूपये की गड्डी रखो मंदिर में शराब की बोतल चडाओ जेसे सुझावों ने उनेह विवादों में डाल दिया है .........दोस्तों इस मामले में हमारे देश की सरकार और पत्रकारों को निर्मल बाबा को देश की जनता को ठगने में पूरा पूरा सहयोग है .............सभी जानते है के देश में ड्रग मेजिक एक्ट बना हुआ है जिसमे तन्त्र मन्त्र से इलाज करना और इस तरह से धर्म के नाम पर लोगों के विशवास से खेलना अपराध माना गया है इस कानून में ऐसे अपराधी को बिना किसी वारंट के जेल भेजने का प्रावधान है ....निर्मल बाबा ने अपना विज्ञापन जिन टी वी चेनलों के माध्यम से जनता तक पहुंचा कर अपना तन्त्र बढाया है उससे देश की परेशान जनता जिस तरह से ठगी गयी है वोह सब सामने है ...आज अगर सरकार देश में बने कानून के तहत निर्मल बाबा को ऐसे विज्ञापन प्रोग्राम देने को लेकर पहले ही गिरफ्तार कर लेते और ऐसे टीवी और अख़बार के पत्रकारों को ऐसे प्रचार करने पर पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज देते तो शायद आज भारत में अंधविश्वास और सद विश्वास मामले में जो हाहा कार जो धार्मिक जंग छिड़ गयी है ..जिसे असत्य और अन्धविश्वास अपर सत्य की जीत की लड़ाई कहा जा सकता है इस जंग में देश दो हिस्सों में बंट चुका है एक निर्मल बाबा के एजेंटों के रूप में दुसरे उनसे ठगे गए लोगों या फिर देश को अन्धविश्वास से बचाने का संकल्प लेने वाले लोगों में बंट गया है अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है देश में सुप्रीम कोर्ट है ..राष्ट्रपति जी है ..प्रधानमन्त्री जी है थानों और छोटी पुलिस पर तो क्या भरोसा करना लेकिन कानून जिसका उलन्न्घन कर यह अपराध किया जा रहा है उस ड्रग मेजिक एक्ट चमत्कारिक ओषधि उपचार अधिनियम निरोधित कानून के तहत टी वी और निर्मल बाबा को जेल अगर भेज दिया जाए तो बात बन जाएगी लेकिन क्या ऐसा हो सकेगा या फिर जनता यूँ ही विश्वास और अन्धविश्वास की लड़ाई लडती रहेगी ..और सरकार मज़े करती रहेगी यह वक्त ही बताएगा ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
टीवी के जरिए घर-घर पहुंच चुके निर्मल बाबा के बारे में गूगल टूल्स के जरिए रिसर्च करने पर पता चला कि उनके बारे में लोगों की दिलचस्पी में पिछले तीन माह में जबरदस्त इजाफा हुआ है। तीन साल पहले तक वह लगभग गुमनाम थे। अगस्त 2009 में गूगल में सबसे पहले निर्मल बाबा को सर्च किया गया।
साल 2010 के अंत तक भी उनमें लोगों की कोई खास रुचि नहीं थी और गिने चुने लोग ही इंटरनेट पर उनके बारे में जानकारी तलाशने की कोशिश करते थे। सितंबर 2011 से लोगों ने इंटरनेट पर निर्मल बाबा के बारे में जानने में दिलचस्पी दिखाई और तब से यह ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। निर्मल बाबा इंटरनेट जगत पर सबसे ज्यादा चर्चित साल 2012 में ही हुए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)