आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

19 अप्रैल 2012

कमसिन बने रहने की आयुर्वेदिक दवा....उम्र ढलने का एहसास ही नहीं होगा


हर इंसान की उम्र समय के साथ बढ़ती है। बढ़ती उम्र को रोक पाना संभव नहीं है। लेकिन एजिंग के साइन तथा बढ़ती उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से जरूर बचा जा सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियों का वर्णन है जो ढलती उम्र के साथ भी इंसान की सेहत, काया व मन को तंदुरुस्त रखती है। ऐसी ही एक औषधि है अश्वगंधा का ये चूर्ण इसे नीचे लिखी विधि से बनाकर खाएं आप का यौवन बना रहेगा।

अश्वगंधा, आंवला, हरड़, तीनों के अलग-अलग तैयार किए गए और महीन कपड़े से छने चूर्ण की 100-100 ग्राम मात्रा एवं 400 ग्राम पिसी मिश्री को आपस में मिलाकर साफ सूखी शीशी में भरकर रख लें।

प्रयोग विधि- इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा गरम दूध से सुबह या शाम लेते रहने से शरीर की सातों धातुएं पुष्ट रहती हैं। नस नाडिय़ों और वात- वाहिनियों को शक्ति मिलती है। शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे शरीर में यौवन की बहार रहती है।

नोट- इस चूर्ण की एक बार में उतनी ही मात्रा में बनाएं जितनी की 20-25 दिन तक चल जाए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...