आपका-अख्तर खान

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21 फ़रवरी 2012

बताइए ऐसे धर्म गुरुओं का क्या करे कोई

दोस्तों मजहब के नाम पर झगड़े और ठगी की दास्ताने तो आम है लेकिन अगर मजहब के नाम पर ब्लेकमेलिंग और गुमराही के खेल शुरू हो जाएँ तो फिर तो मजहबी गुरुओं के पतन की पराकाष्ठा ही कही जायेगी ...जी हाँ दोस्तों पिछले दिनों आपने पढ़ा होगा के टी वी कार्यक्रम सुंवंवर की विना मालिक के खिलाफ एक दारुल उलूम ने फतवा जारी कर उसकी भ्तर्सना की थी ..लेकिन अन्दर की खबर यह है के अब वोह दारुल उलूम के मालिक अपनी बात पर कायम नहीं है सुनते है के टी वी कार्यक्रम बनाने वाले ने उनसे सम्पर्क किया और बस दारुल उलूम मालिक ने उन्हें काम बताया टी वी कार्यक्रम के मालिक ने उनकी बात कराई बस धर्म की बात खत्म फतवे में फेर फार हो गया तो जनाब आप ही बताइए ऐसे धर्म गुरुओं का क्या करे कोई ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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