न्यूयार्क. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने खुद को हैकर बताया है। उन्होंने बताया कि इस हुनर ने ही उनकी कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाने में मदद की।
जकरबर्ग मानते हैं, 'कोई भी चीज सर्वश्रेष्ठ नहीं होती। उसमें हमेशा सुधार की गुंजाइश मौजूद रहती है। हैकर अपनी इसी सोच के बलबूते उन विचारों और उत्पादों पर बाजी लगाते हैं, जो नए तो होते हैं लेकिन उनके असफल रहने की आशंका भी मौजूद रहती है। अपनी इसी सोच के बलबूते मैने दुनिया की सबसे कामयाब इंटरनेट कंपनी खड़ी की।'
जकरबर्ग ने यह बात 'द हैकर वे' नामक आलेख में कही। यह आलेख फेसबुक का आईपीओ लाने के लिए सरकारी पर्यवेक्षकों को सौंपे गए दस्तावेजों का हिस्सा है। हैकर्स किसी भी वेबसाइट या सर्वर में सेंध लगाने में माहिर होते हैं। इस तरह वे दुनिया की किसी भी कंपनी या सरकारी एजेंसी की वेबसाइट से गोपनीय जानकारियां चुरा लेते हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 फ़रवरी 2012
जकरबर्ग बोले, मैं हैकर हूं
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