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04 फ़रवरी 2012

दोस्तों फेसबुक यूज़र्स के रूप में आज मेरा पहला जन्म दिन है

दोस्तों फेसबुक यूज़र्स के रूप में आज मेरा पहला जन्म दिन है वर्ष २०११ में मेने आज ही के दिन ईद मिलादुन्नबी को मेरा फेसबुक यूज़र एकाउंट खोला था और .. ईद मिलादुन्नबी की बधाई के सन्देश के साथ मेने अपने फेसबुक दोस्तों के साथ पहली मुलाक़ात की थी ....दोस्तों यकीन मानिये जब मेने फेसबुक एकाउंट खोला तो में समझ नहीं पा रहा था के इसका यूज़ केसे क्या जाता है इसलियें मेने मेरे पुत्र शाहरुख खान को अपना गुरु बनाया और उससे कुछ गुर सिक्ख कर फेसबुक फ्रेंड की प्रार्थनाएं भेजना शुरू की ...कई दर्जन बार मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट को ब्लोक किया गया फिर मेरी समझ में आया के फेसबुक का कंट्रोल बहतरीन है ..और मेने इसी के बाद से जो रिक्वेस्ट आई उसी रिक्वेस्ट को स्वीकार की नतीजन देखते ही देखते मेरे फेसबुक फ्रेंड की गिनती एक से एक हजार और फिर अंतिम सीमा पांच हज़ार पार कर गयी ............अब मुझे रिक्वेस्ट तो बहुत मिलती हैं लेकिन फेसबुक नियमों के तहत में उनसे दोस्ती के लियें मचल कर भी उनकी रिक्वेस्ट नहीं स्वीकार कर पा रहा हूँ कई ऐसे लोग होते हैं जिनके लियें में पहले कुछ अपने विदेशी दोस्तों के नाम डिलीट करता हूँ और फिर अपने स्वदेशी दोस्तों के नाम जोड़ देता हूँ ...मेने जब फेसबुक ज्वाइन की तब फेसबुक में अचानक धर्म के नाम पर ...जड़ी समुदाय के नाम पर काफी अश्लील और भडकाऊ नफरत फेलाने वाली टिप्पणियां देखीं ..मुझे बुरा लगा साइबर क्राइम लोगों को समझाने का प्रयास क्या फिर मेने भी इसे रोकने के लियें जाग्रति अभियान चलाया ..लोगों ने इसे असंभव और बचकानी हरकत कह कर मेरा उपहास उड़ाया लेकिन में रुका नहीं थका नहीं लगातार अपनी कोशिशें जारी रखते हुए अनेकों जगह मेने पत्रव्यवहार जारी रखे इसे रोकने के लियें कम्प्यूटर विशेषज्ञों से सम्पर्क करता रहा .एक दिन मेरी माननीय राष्ट्रपति जी को ओन लाइन भेजी गयी स्वीकार किये जाने की स्वीक्रति मिली जिसमें उन्होंने सुचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय को इस मामले में आवश्यक कार्यवाही करने के लियें निर्देश दिए थे इन निर्देशों के बाद खुद कोंग्रेस के राहुल गान्धी ने एक पत्र भेज कर मेरे सुझावों पर मेरी पीठ थप थपाई ......में बहुत खुश हुआ लेकिन एक बढ़े बदमाश तबके ने जो इस माद्यम से देश में नफरत का माहोल बनाकर गृह युद्ध की स्थिति पैदा करने की कोशिशों में था इसे वाक् एवम अभिवयक्ति की स्वतन्त्रता का हनन बताया फिर पैगम्बर ऐ इस्लाम हुजुर सल्ल्लाला हे वसल्लम के काबे की तस्वीर पर गंदगी फेलाने का प्रयास क्या ..हन्दू धर्मों का अपमान क्या गया ..मेने और मेरे कई समर्थकों ने इसका विरोध किया और स्वतन्त्रता का महत्व समझाया के कुछ भी लिखों लेकिन ऐसा लिखों जो कानून धर्म की मर्यादाओं में हो कानून तोड़ने और किसी का अपमान करने का हमे हक नहीं है एक फेसबुक यूज़र जो कुछ भी लिख देने को लिखने और बोलने की स्वतन्त्रता कहते थे उन्ही के शहर के फेसबुक यूज़र ने जब उनका अतीत छान कर फेसबुक पर उनके वेश्या की ओलाद होने का सच सबको बताया उनकी बहन केसे किसी के साथ रंगरेलियां बना रही है यह समझाया तब उनकी समझ में आई के किसी की भावनाओं को इस लिखने की आज़ादी के नाम पर आहत करने से दिल को कितनी तकलीफ पहुंचती है ..यकीन मानिये इन जनाब ने दबे अल्फाजों में पहले तो माफ़ी मांगी और आज फेसबुक पर अपन सुकून और भाईचारे सद्भावना के साथ देश भक्ति के संदेश भेज कर फेसबुक फ्रेंडों का मनोबल बढा रहे है ..इस मामले में दिल्ली और इलाह्बात हाईकोर्ट में भी मामले चले और एक गाइड लाइन तय्यार हुई लोग कहने लगे के अख्तर खान अकेला तो अकेला था लेकिन लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया आज फेसबुक के सभी यूज़र कमोबेश यही जाहते है के फेसबुक पार लड़ाई झगड़े नफरत और द्वेषता की बात ना हो ..फेसबुक पर तो बस प्यार की ..मनोरंजन की ..मोहब्बत की एक दुसरे की दुःख तकलीफों में केसे मदद की जाए साहित्य का स्रजन कर लोगों की आत्मा का केसे शुद्धिकरन किया जाए .बेईमानी भ्रष्टाचार के खिलाफ केसे अलख जगाई जाए सही नेता का निर्वाचन केसे हो यानी कुल मिलाकर आज फेसबुक मनोरंजन और चरित्र निर्माण की अलख जगा रहा है और फेसबुक मालिक भी भारत देश के कानूनों की मर्यादाओं में इसे यहाँ संचालित करने में सहमत है और प्रयासरत है लेकिन कभी गंदगी का वायरस हमे दुखी कर देता है खेर कोई बात नहीं मेरे इस फेसबुक पर एक साल पुरे एक साल मेने आप लोगों के साथ बिताये है ..बीच में एक बार तो मुझे लगा था के जिंदगी साथ छोड़े जा रहे है और मेने मान लिया था के अब म़ोत मुझे आप से आपके प्यार से अलग कर देगी लेकिन कहते हैं लोगों के बद्दुआओं पर दोस्तों की हमदर्दों की दुआएं भारी होती है और मेरा आखरी वक्त जो मुझे नजदीक सा दिखने लगा था वोह म़ोत का मजा हर एक को चखना है लेकिन कब चखना है यह खुदा तय करेगा उस सिद्धांत के तहत तल गया और मेरी जिंदगी की एक साल की पारी मेने आपके साथ इस फेसबुक पर खेल कर पूरी की है ...ब्लोगिंग तो मेरी अलग से ही चल रही है में नहीं जानता के मेरी यह पारी आप लोगों के बीच केसी रही अछि रही या बुरी रही लेकिन इस दोरान कई लोग है जिनकी भावनाएं मुझ से आहत हुई है मेरे सच से नफरत के भाव को रोकने की कोशिशो के मेरे प्रयास से कई लोगों की भावनाओं को मुझ से आघात पहुंचा है उनमे से कुछ लोगों ने मुझे फेसबुक पार गालियाँ लिख कर भी मेरा मान बढाया है उनसे मेरा निवेदन है के मेरा किसी से झगड़ा किसी से विवाद नहीं मेरा तो मकसद है के बस नफरत के भाव को खत्म करो प्यार दो प्यार लो मेरे इस देश मेरे इस हिंदुस्तान को एक बार फिर से सुरक्षित सोने की चिड़िया धरती का स्वर्ग बना दो और हम सब फेसबुक फ्रेंड अगर तिनका तिनका करके इस खुबसूरत आशियाँ को बनाने की कोशिश करेंगे तो इंशा अल्लाह ताला हम जरुर कामयाब होंगे और गर्व से कह सकेंगे के मेरा नहीं मेरा नहीं हमारा भारत महान है ..भारत महान है ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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