तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 जनवरी 2012
हमलों का जवाब अगर भीड़ ने हमलावर की हत्या कर दिया तो फिर इस कानूनी हत्या पर क्या प्रतिक्रिया होगी हमें समझना होगा
देश में इन दिनों किसी भी नेता या नेताओं का विरोध करने वालों पर हमले की परम्परा बढ़ गयी है ...अपत काल के बाद इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में जब एक हवाई जहाज़ हाई जेक किया गया और उन अपराधियों को राजनीति में स्थान ही नहीं बल्कि प्रमुख स्थान मिला तबसे यह मानसिक रोग इस देश में बढ़ गया है .कोई भी किसी भी नेता पर हमला करता है और एक ही दिन में नेता या कथित रूप से देशभक्त हो जाता है फिर वोह चुनाव की राजनीती में आता है या फिर चंदे की राजनीती में आकर मजे करता है लेकिन दोस्तों अब वोह वक्त नहीं रहा है वक्त बदल गया है जिस नेता या समाज सेवक पर हमला होता है उसके समर्थक भी हमलावर हो जाते है अगर यह परम्परा जया दिन चली तो किसी भी हमलावर की मोके पर ही पीट पीट कर हत्या करने की परम्परा पढ़ जायेगी ..क्योंकि अगर ऐसा हमलावर जिंदा रहता है तो उसे ज्यादा दिन तो जेल में नहीं रख सकते लेकिन अगर ऐसे हमलावर की इन हालातों में भीड़ हत्या भी कर देती है तो कानून सेल्फ डिफेन्स के नाम पर ऐसे लोगों को इसकी छुट देता है ..देश में इस तरह के हमलों की अब हद हो गयी है और पुलिस प्रशासन की लापरवाही से ही ऐसे हमले होते है लेकिन ऐसे मानसिक रोगी हमलावरों को अगर भीड़ मोके पर ही पीट पीट कर हत्या करने लगेगी तो गलत परम्परा का जवाब गत परम्परा से दिया जाने लगेगा और फिर चाहे म़ोत के डर से ऐसे हमले तो रुक जाएँ लेकिन देश में जंगल कानून की स्थिति पैदा हो जाएगी इसलियें समाज को ऐसे हमलावर मानसिक रोगियों का सामजिक बहिष्कार करना होगा ऐसे लोगों को कोई भी पार्टी कभी अपना सदस्य नहीं बनाये और कभी भी ऐसे हमलावर को कोई पार्टी टिकिट या कोई पद नहीं दे तब कहीं इस रोग का इलाज होगा वरना हमला और फिर हत्या का खेल शुरू हुआ तो यह खुनी खेल रुकेगा नहीं और देश शर्मसार हो जायेगा ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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