परिजन ही करते हैं टुकड़े और परोस देते हैं गिद्धों के सामने
कई वर्षों पहले तक तिब्बत में मृतकों के क्रियाकर्म की अनोखी प्रथा प्रचलन में थी, जिसमें मृत व्यक्ति के शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े कर उन्हें गिद्धों के सामने परोस दिया जाता था। शवों के टुकड़ों को गिद्धों के सामने परोसने से पहले उसमें चाय की पत्ती और याक का दूध मिलाया जाता था। इस अनोखी प्रथा में सबसे अधिक चकित करने वाली बात यह थी कि इसे मृतक के परिजन ही अपने हाथों से अंजाम देते थे।
इस अनोखे प्रचलन में कई बार शवों के टुकडों को बिना किसी पारंपरिक प्रक्रिया के ही पक्षियों के सामने डाल दिया जाता था। कई बार गिद्धों द्वारा शवों के टुकड़ों का मांस खा लिया जाता और हड्डियां छोड़ दी जाती, जिसके बाद मृतक के परिजन उन हड्डियों को हथौड़े से कूटकर दुबारा कौवों और बाज को खिलाते थे।
1960 के दशक में चीन की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा इस प्रथा पर रोक लगा दी गई, लेकिन 1980 के दशक में कई जगह ये प्रथा फिर से देखने में आई।
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