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02 जनवरी 2012

गुजरात में हिंदी की चिंदी राष्ट्रवादी मोदी जी की अजीब चुप्पी

जी हाँ दोस्तों भारत के संवेधानिक राष्ट्र भाषा हिंदी की गुजरात की हाईकोर्ट ने विदेशी भाषा बता कर हिंदी करते हुए चिंदी चिंदी कर दिया है ....दोस्तों हाईकोर्ट की इस टिपण्णी दो बाते स्पष्ट है एक तो अदालतें किस तरह से नासमझी की बातें करती हैं और बिना किसी जांच पड़ताल के विधिविरुद्ध टिप्पणियां की जाती हैं इससे जजों के बोद्धिक स्तर और राष्ट्रीयता का अंदाजा लगाया जा सकता है अगर ओ टिपण्णी अख़बारों में छपी है वोह सही है तो घोर आपत्तिजनक है इससे भी बढ़ी आपत्तिजनक बात यह है के राष्ट्रीयता की बात करने वाली भाजपा और भाजपा में भी राष्ट्रीयता के एक मात्र कथित ठेकेदार बने नरेंद्र मोदी की गुजरात में यह हिंदी की चिंदी हुई है और इस पर उनकी खामोशी कमाल करती है ...दोस्तों देख लो हालात कितने बदल गये हैं हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति में जब कोलिजेनिय्म में नाम जाता है तो सरकार की भी भूमिका रहती है और जनाब यह चयन भी कुछ न कुछ मोदी जी का ही था फिर अब केसी राष्ट्रीयता केसा हिंदी प्रेम नाइ नाइ कितने बाल सब सामने आ गये ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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