राजस्थान सरकार में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जनाब मोहम्मद माहिर आज़ाद की रिपोर्ट अगर राजस्थान सरकार मान ले तो आम आदमी को झूंठे मुकदमों में फंसा कर उनका जीवन बर्बाद करने वाले पुलिस कर्मियों को सख्त सज़ा मिल सकेगी और पीड़ित परिवार वालों के जख्मों पर मुआवज़े का मरहम लग सकेगा ....मोहम्मद माहिर आज़ाद पिछले तीन कार्यकाले में दबंग राजस्थान विधान सभा में विधायक की भूमिका निभा चुके है ..वोह इन दिनों अल्प संख्यक आयोग में मंत्री दर्जा लेकर मुस्लिम और सभी अल्पसंख्यक जातियों के उत्थान और सुरक्षा को लेकर चिंतित है ..........जयपुर में उनसे मुलाक़ात के दोरान उन्होंने राजस्थान में अल्पसंख्यकों की वर्तमान स्थिति पर काफी चिंता ज़ाहिर की वेसे तो वोह पुरे राजस्थान में घूम घूम कर जिला स्तर पर जनसुनवाई कार्यक्रमों में काफी हद तक अल्पसंख्यकों के अटके कामों के लियें प्रशासन को लताड़ पिला रहे है ........मोहम्मद माहिर आज़ाद ने कोटा के जिन निर्दोष लोगों को सीम्मी संगठन का सदस्य बता कर आतंकवादी बताया था और कोटा की जनता के सामने उनकी और उनके परिवार की छवि धूमिल की थी जिन लोगों ने अपने ढाई तीन साल से भी अधिक समय को जेल की काल कोठरी में गुज़ारा है उन लोगों की पीड़ा को सुना समझा और प्रारम्भिक तोर पर यही मन के अदालत ने जिन ग्यारह लोगों को निर्दोष करार दिया है उससे पुलिस की भूमिका संदिग्ध और इन लोगों को झुन्ठा फंसाने वाली है ॥ माहिर आज़ाद ने इस मामले में अल्पसंख्यक आयोग के अपने संवेधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए स्वत प्रसंज्ञान लिया और इस मामले में निर्दोषों को फंसाने वाले पुलिस अधिकारीयों को नोटिस जारी किया है ..इतना ही नहीं माहिर आज़ाद ने आंध्र प्रदेश की तर्ज़ पर ऐसे पीड़ित लोगों को क्षतिपूर्ति के रूप में उनको आर्थिक सम्बल प्राप्त करने के लियें मुआवजा देने की सिफारिश भी की है ..फिलहाल तो सरकार के पास माहिर आज़ाद की यह सिफारिशें ठंडे बसते में बंद है लेकिन सब जानते है के माहिर आज़ाद जो कहते है वोह करते है और जब यह दहाड़ते है तो दोषियों के रोंगटे खड़े हो जाते है ..माहिर आज़ाद की इस कार्यवाही से निर्दोष मुस्लिमों को झूंठे मुकदमों में फंसा कर प्रेषण करने वाले पुलिस कर्मियों में हडकम्प मचा हुआ है और सरकार भी इस मामले में स्तब्ध है क्योंकि सिम्मी के नाम पर कोटा के मुसलमानों को जब पकड़ा गया था तो राजस्थान में भाजपा का शासन था और सरकार जाने के पहले ही राजस्थान के गृहमंत्री गुलाम कटारिया और वसुंधरा सिंधिया ने इन लोगों को निर्दोष बताया था ..खुद कोंग्रेस के नेताओं ने भी चुनाव के दोरान जेल में बंद लोगों को निर्दोष मानकर सार्वजनिक रूप से वायदे किये थे के अगर कोंग्रेस सरकार आती है तो सभी के साथ न्याय होगा लेकिन कोटा के मुसलमान इस वायदे को लेकर निर्दोष लोगों को जेल से रिहा करने के लियें संघर्ष करते रहे लेकिन सियासत के अलावा उनके दुक्ख दर्द पर कुछ नहीं हो सका ..सभी लोग जेल में तड़पते रहे उनके परिजन दर दर भटकते रहे आंसू बहाते रहे लेकिन सब बेकार रहा इन पीड़ित और उनके परिजनों को माहिर आज़ाद की इस सिफारिश के बाद उम्मीद की एक किरण नज़र आई है और खुदा से दुआ है के माहिर आजाद की इस रिपोर्ट को राजस्थान सरकार स्वीकार कर ले निर्दोषों को फंसाने वाले दोषी पुलिस कर्मियों को सज़ा मिले और पीड़ितों को मुआवजा मिले ................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)