बेटी इंद्रा विश्नोई भी डेढ़ माह से फरार चल रही है, उसका भी गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। इसी तरह पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई भी साजिश रचने के आरोप में शुक्रवार को जेल पहुंच चुका है। भंवरी और मदेरणा के बीच समझौता कराने की कोशिश में थानेदार लाखाराम को भी बर्खास्त होना पड़ा।
मदेरणा परिवार
मदेरणा परिवार मारवाड़ में पिछले साठ सालों से दबदबा बनाए हुए था। देश और प्रदेश की राजनीति मंे भी वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता परसराम मदेरणा की बड़ी भूमिका रहती थी। महिपाल मदेरणा खुद भी चार बार जिला प्रमुख रहे, वहीं उनकी पत्नी लीला और बेटी दिव्या भी जिला परिषद सदस्य के साथ कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। महिपाल मंत्री बने तो दिव्या भी विधायक बनने की दौड़ में आगे आने लगी। इस प्रकरण के बाद महिपाल मदेरणा जेल में है और सीबीआई पत्नी लीला की भूमिका की भी जांच कर रही है।
विश्नोई परिवार
रामसिंह विश्नोई का भी मारवाड़ में करीब तीस सालों तक दबदबा रहा। उनके जैसे कद्दावर मंत्री बहुत कम थे। छोटा बेटा परसराम पिता की विरासत संभालने को तैयार हो रहा था कि 9 साल पहले नशीली गोलियांे के मामले में उसके सपने टूट गए। हालांकि परसराम की पत्नी कुसुम बिलाड़ा प्रधान बन कर राजनीति में दखल बनाए हुए हैं।
रामसिंह के निधन के बाद उनके बड़े बेटे मलखान सिंह को लूणी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट मिला और उन्हें विधायक चुना गया। मलखान पहली ही बार विधायक बने थे और भंवरी प्रकरण में अब भाई परसराम के साथ जेल में है।
सहीराम का परिवार
यूं तो सहीराम विश्नोई के परिवार से कोई कभी बड़े पद तक नहीं पहुंचा, मगर गांव के सरपंच का ओहदा काफी समय से संभाला हुआ था। सहीराम भी पांच साल पहले उप जिला प्रमुख बना। राजनीति में महिपाल और मलखान से नजदीकी संबंधों के कारण सहीराम का भविष्य काफी ठीक दिख रहा था, मगर इन दोनों नेताओं की परेशानी मिटाने के लिए उसने अपना भविष्य बर्बाद कर दिया। आज वह भी जेल में है।
रिश्तेदार और दोस्त फंसे
मलखान के ममेरे भाई सोहनलाल और बाबूलाल भी फंस गए। सोहनलाल धर्मभाई बन कर भंवरी का पहले ब्लैकमेलिंग में इस्तेमाल करता रहा, बाद में अपहरण का सूत्रधार बन गया। सोहनलाल का बेटा पुखराज और बाबूलाल का बेटा दिनेश भी इस साजिश का हिस्सा बन गए। सोहनलाल ने अपने साथ शहाबुद्दीन और बलदेव को भी शामिल कर लिया। सहीराम ने भंवरी को ठिकाने लगाने के लिए विशनाराम, उसके भाई ओमप्रकाश, साथी कैलाश व अशोक को जिम्मा सौंप दिया। इन लोगों ने भी अपने मुकदमे निपटाने के लिए भंवरी को जला कर राख बहा दी।
इंद्रा को अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित
गिरफ्तारी से बचने के लिए इंद्रा विश्नोई के वकील ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगा रखी है। शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई हुई तो इंद्रा के वकील सुनील जोशी ने कहा कि सीबीआई हर किसी को पूछताछ के लिए बुला कर प्रताड़ित कर रही है, बच्चों को भी उठा लाती है।
सीबीआई सिर्फ संदेह के आधार पर लोगों को जेल में डाल रही है। इस पर विशिष्ट लोक अभियोजक एसएस यादव ने कहा कि मामला अनुसूचित जाति की महिला की हत्या का है, इसलिए गहन पूछताछ जरूरी है। बहस के बाद महानगर मजिस्ट्रेट ने फैसला सुरक्षित रख दिया।
एसपी राठी को जोधपुर का भी कार्यभार!
भंवरी अपहरण की जांच कर रहे सीबीआई के एसपी राकेश राठी को जोधपुर सीबीआई एसपी का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंप दिया गया है। हालांकि इस संबंध में सीबीआई दिल्ली से आदेश जारी नहीं हुए है, लेकिन डायरेक्टर एपी सिंह के जोधपुर दौरे के समय यह तय किया गया।
जोधपुर सीबीआई में एसएसपी पद पर ओपी गौड़ का कार्यकाल सेवानिवृत्ति के बाद दो साल तक बढ़ाया गया जो गत नवंबर में पूरा हो गया, इसलिए एसपी का पद रिक्त है। रोजमर्रा के कामकाज के लिए राठी को अतिरिक्त कार्यभार दिया जा रहा है ताकि वे चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी भंवरी प्रकरण की पूरी मॉनिटरिंग कर सकें।
भंवरी का परिवार बिखरा
कई परिवारों की बर्बादी का कारण बनी बिलाड़ा क्षेत्र की एएनएम भंवरी देवी का परिवार भी इस आग से नहीं बच पाया। भंवरी तो ब्लैकमेलिंग के कारण जान गंवा बैठी, उसका पति अमरचंद भी लाखों रुपयों के लालच में अपहरण की साजिश में शामिल हो गया।
सीबीआई ने साजिश की परतें खोलनी शुरू की तो अमरचंद बेनकाब होने लगा। आखिर में सीबीआई ने उसे भी गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। भंवरी की मौत हो गई, अमरचंद जेल चला गया, अब उसके तीन बच्चे और बूढ़ी मां न्याय का इंतजार कर रहे हैं।
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