भोपाल। मां, ये दवाएं खा लो.., मीना और सीमा को भी दे देना। इससे डेंगू और मलेरिया नहीं होगा। नींद की गोलियां देने से पहले कुछ ऐसा ही कहा था आनंद ने। किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि जो बेटा रात-दिन अपनी बूढ़ी मां के लिए फिक्रमंद रहता था, बहनों का इकलौता आसरा था, वही उनकी जिंदगी छीन लेगा। तीनों की हत्या कर देगा।
हत्या की वजह भी कोई रंजिश या दुर्भावना नहीं, बल्कि रात-दिन आने वाला ये ख्याल कि अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरी मां और बहनों का क्या होगा। एक जरा सी आशंका और सनक के भंवर में उलझे आनंद ने, जिस आंचल में दुनियादारी का सबक सीखा, उसी आंचल को फंदा बनाकर मां और दोनों बहनों की हत्या कर दी और खुद भी मौत का दामन थाम लिया।
दहशत, तीन कत्ल और खुदकुशी
सुभाष चौक स्थित जैन मंदिर ट्रस्ट के मकान में रहने वाले 45 वर्षीय आनंद जैन (45) सोने-चांदी की खरीद फरोख्त का काम करते थे। उन पर अपनी दो बहनों मीना (42), सीमा (32) और मां जतिन बाई (75) की भी जिम्मेदारी थी। एएसपी राजेश मिश्रा के मुताबिक शुक्रवार सुबह उसने अपनी मां और दोनों बहनों को नींद की गोलियां देने के बाद साड़ी से उनका गला घोंटा, फिर उसी साड़ी का फंदा बनाकर खुद की जान भी दे दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने पहले कमरे से दोनों बहनों की लाश बरामद की, दूसरे कमरे में जतिन बाई औंधे मुंह पड़ी थी और सीढ़ियों के पास आनंद फांसी पर लटका मिला। पुलिस ने एक कमरे से करीब 15 पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें उसने अपनी इस करतूत को बयां किया है।
सुसाइड नोट के मुताबिक उसे अपनी हत्या की आशंका थी। उसने यह अंदेशा बीते आठ दिनों से नींद में आ रहे सपने के आधार जताया था। सुसाइड नोट में इस बात का भी जिक्र है कि परिवार के खत्म होने के बाद कौन, किसका दाह संस्कार करेगा। एएसपी के मुताबिक फिलहाल मर्ग कायम कर वारदात की असल वजह तलाशी जा रही है।
बहन की शादी से पहले ले ली जान!
पंकज ने बताया कि 10 फरवरी को आनंद की बहन मीना की शादी तय हुई थी। पूरे परिवार ने शादी की तैयारी भी कर ली थी। मीना का रिश्ता रायपुर के एक जैन परिवार में तय हुआ था, लेकिन घर में शादी की खुशियां गूंजती, इससे पहले ही आनंद ने वारदात को अंजाम दे दिया।
दोस्ती रखना है तो मेरा कारोबार मत पूछो
एएसपी ने बताया कि आनंद सोने-चांदी की खरीद फरोख्त करता था। वहीं उसके दोस्त नवीन जैन के मुताबिक उससे कारोबार के बारे में पूछने पर वह भड़क जाता था। कहता था कि दोस्ती रखनी है तो मेरे कारोबार के बारे में मत पूछो। मैं कोई गलत काम नहीं करता, तुम्हारे लिए इतना ही जानना काफी है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 जनवरी 2012
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