उत्तर कोरिया के दिवंगत नेता किम जोंग द्वितीय की मौत के बाद चल रहे 100 दिन के राष्ट्रीय शोक के दौरान देश में कड़े नियम लागू किए गए हैं। उत्तर कोरिया के नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि वो राष्ट्रीय शोक के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाए गए तो उन्हें युद्ध अपराधी माना जाएगा और आजीवन कारावास या मौत की सजा भी दी जा सकती है। कोरिया में मात्र पांच प्रतिशत लोगों के पास ही मोबाइल फोन है।
17 दिसंबर को कोरिया के नेता किम जोंग द्वितीय की मौत के बाद से ही देश में 100 दिन का राष्ट्रीय शोक है और इस दौरान बेहद कड़े नियम लागू किए गए हैं।
किम जोंग द्वितीय ने 1994 में उत्तरी कोरिया की सत्ता संभाली थी और इस दौरान देश की सेना का विकास बेहद तेज गति से किया था। किम जोंग के कार्यकाल में ही कोरिया ने विश्व की पांचवी सबसे बड़ी सेना का निर्माण किया। कोरिया में किम जोंग का मौत के बाद भी बेहद सम्मान है लेकिन बाहरी दुनिया ऐसे क्रूर शासक के रूप में जानती है जिसने कोरिया के लोगों की भलाई के मुकाबले सेना और ताकत के विकास को तरजीह दी।
किम जोंग के कार्यकाल में ही कोरिया ने परमाणु हथियार भी हासिल किए। साल 2006 में कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया था।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 जनवरी 2012
मोबाइल इस्तेमाल किया तो मिलेगी सजा-ए-मौत!
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