लेकिन अपने प्यार को परवान चढ़ाने की जिद लिए पहुंचे प्रेमी जोड़े ने बगैर पुजारी के ही भगवान को साक्षी मानते हुए एक दूसरे को माला पहनाकर जीवन साथी बना लिया। शादी के बाद लड़की ने अपने परिजनों से जान का खतरा होने की बात कही है। हालांकि उन्होंने मामले की कोई शिकायत पुलिस को नहीं दी है।
शहर के माता पुली रोड स्थित शीतला माता मंदिर में मंगलवार शाम उत्तराखंड के ज्वालापुर की रहने वाली बिमलेश से प्रेम विवाह करने के लिए पहुंचे बापौली खंड के गांव झांबा निवासी अंकित ने बताया कि वह पानीपत की एक फैक्टरी में काम करता है। उसका उत्तराखंड में अक्सर ज्वालापुर में आना-जाना होता था।
इसी दौरान उसकी मुलाकात बिमलेश से हुई और दोनों में प्यार हो गया। उसने बताया कि नवंबर माह में उसने सिंदूर से बिमलेश की मांग भर दी थी। इसका पता बिमलेश के परिजनों को लग गया। उसके परिजनों ने उनका विवाह कराने पर सहमति जता दी, लेकिन बाद में उसके परिजन अपनी बात से पलट गए। इससे नाराज होकर बिमलेश तीन दिन पहले घर से भागकर उसके पास आ गई।
दोनों ने सोमवार को पानीपत कोर्ट में शादी कर ली। कोर्ट में शादी के बाद दोनों मंगलवार शाम को माता पुली स्थित मंदिर में शादी के लिए पहुंचे। जहां अंकित ने अपने परिजनों की मौजूदगी में भगवान को साक्षी मानते हुए बिमलेश को माला पहनाकर अपनी जीवन संगनी बना लिया। बता दें कि अंकित जहां त्यागी बिरादरी से है वहीं बिमलेश पंडित है।
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